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नेत्रदान के साथ-साथ लिया देहदान का संकल्प

वाराणसी/चंदौली। ‘विश्व नेत्रदान दिवस’ के अवसर पर क्षेत्रीय नेत्र संस्थान स्थित “बीएचयू आई बैंक” को बड़ी सफलता मिली। वाराणसी शहर के दो महान दधीचि (दानवीर) ने सर्वप्रथम, क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के विभागाध्यक्ष एवं “बीएचयू आई बैंक” के चेयरमैन प्रोफेसर आर. पी. मौर्य के मोबाइल (9415353466) पर फोन किया — पहला फोन (पूर्व अध्यक्ष, स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) राजेश वर्मा, पुत्र स्व. राधेश्याम, निवासी कुम्हारपुर, फुलवरिया, वाराणसी ने तथा दूसरा फोन वीरेंद्र प्रताप सिंह, पुत्र स्व. राममूर्ति सिंह, निवासी स्वास्तिक गार्डेनिया, शिवपुर चुंगी, वाराणसी ने किया — कि “महोदय, विश्व नेत्रदान दिवस के अवसर पर हम अपनी आंखों का दान करने के साथ-साथ देहदान भी करना चाहते हैं, इसमें आपकी मदद चाहिए।”
प्रो. मौर्य से वार्ता के बाद राजेश वर्मा स्वयं नेत्र संस्थान आकर नेत्रदान व देहदान का लिखित संकल्प लिए तथा अपना शपथ पत्र नेत्र संस्थान के साथ-साथ निदेशक चिकित्सा विज्ञान संस्थान तथा शरीर रचना विभाग के विभागाध्यक्ष को भी प्रेषित किया।
दूसरे दानवीर वीरेंद्र प्रताप सिंह नेत्र संस्थान आने में असमर्थता जाहिर किए तो विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आर. पी. मौर्य एवं बीएचयू आई बैंक के काउंसलर आशुतोष त्रिपाठी के साथ सायंकाल में खुद शिवपुर चुंगी स्थित उनके घर पहुंचे और वीरेंद्र प्रताप सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी ललिता सिंह का नेत्रदान व देहदान का संकल्प पत्र भरवाकर उनके प्रतिज्ञा का पंजीकरण कर दिया तथा उन्हें डोनर कार्ड व पंजीकरण पत्र दे दिया, जिससे दानदाता अपने संकल्प पत्र का वसीयतनामा बनाकर परिजनों को दे सकें, जो मृत्यु के समय काम आए।
प्रोफेसर मौर्य ने तीनों दानदाताओं (दधीचि) को उनके इस महान पुण्य कार्य के लिए सम्मानित किया तथा चिकित्सा विज्ञान परिवार की तरफ से उनका आभार व्यक्त किया। मृत्यु के बाद नेत्रदान व देहदान के इस संकल्प से राजेश वर्मा एवं सिंह दंपति ने समाज में एक मिसाल पेश की है। मृत्यु के बाद भी उनकी आंखें दो व्यक्तियों के जीवन में रोशनी प्रदान करेंगी तथा पार्थिव शरीर से सैकड़ों भविष्य के चिकित्सकों को ज्ञान अर्जन होगा। अतः समाज के अन्य लोगों को भी देश से “कॉर्नियल ब्लाइंडनेस” दूर करने में अपना बहुमूल्य योगदान देना चाहिए।