मऊ
नर्सिंग का पेशा सिर्फ करियर नहीं, सेवा और समर्पण की भावना है: राम प्रताप सिंह
प्रकाश नर्सिंग स्कूल में शपथ ग्रहण और लैंप लाइटिंग समारोह का भव्य आयोजन
मऊ। प्रकाश नर्सिंग स्कूल में आज नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित शपथ ग्रहण एवं लैंप लाइटिंग समारोह में सेवा और समर्पण की भावना से ओतप्रोत माहौल देखने को मिला। इस आयोजन में विद्यार्थियों ने मरीजों की सेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाते हुए निष्ठा और मानवता के साथ कार्य करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई, जिससे पूरे परिसर में एक सकारात्मक और आध्यात्मिक वातावरण बन गया। इसके पश्चात छात्र-छात्राओं ने नर्सिंग की जननी फ्लोरेंस नाइटिंगेल की परंपरा का निर्वहन करते हुए लैंप लाइटिंग की रस्म निभाई, जो ज्ञान, करुणा और सेवा के प्रतीक के रूप में देखा गया।
इस अवसर पर प्रकाश अस्पताल के निदेशक डॉ. मनीष राय ने विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि नर्सिंग केवल एक पेशा नहीं, बल्कि यह समाज के प्रति हमारी मानवीय जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र चुनौतियों से भरा जरूर है, लेकिन इसके माध्यम से हम न केवल जीवन बचाते हैं, बल्कि लोगों को नई उम्मीद भी देते हैं।
उन्होंने छात्रों से निरंतर सीखते रहने और तकनीकी ज्ञान में खुद को अपडेट रखने की अपील की।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संघ कार्यवाह बलिया राम प्रताप सिंह ने छात्रों को प्रेरणादायक संबोधन में नर्सिंग को “सेवा और समर्पण का प्रतीक” बताते हुए कहा कि एक नर्स न केवल दवाइयों से उपचार करती है, बल्कि मरीजों को भावनात्मक सहारा भी देती है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना गया है, और नर्सिंग पेशा उसी मूल भावना का विस्तार है।
उन्होंने विद्यार्थियों से अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी, करुणा और संवेदना के साथ निभाने का आग्रह किया।इस प्रेरणास्पद समारोह में विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें सेवा, सहयोग और नर्सिंग के महत्व पर आधारित गीत और नाटक शामिल थे। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और उपस्थित सभी गणमान्य लोगों ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की।
समारोह के अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, जहां शिक्षकों, स्टाफ, अभिभावकों और विशिष्ट अतिथियों ने नवप्रवेशित विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए न केवल प्रेरणा का स्रोत बना, बल्कि उनके नर्सिंग जीवन की एक भावनात्मक और गौरवपूर्ण शुरुआत का प्रतीक भी रहा।
