चन्दौली
नगर में धूमधाम से मना रघुकुल शिरोमणि महाराजा अग्रसेन की जयंती

चंदौली। सामाजिक समरसता के संस्थापक, अहिंसावादी सत्य के पुजारी व रघुकुल शिरोमणि महाराज अग्रसेन की जयंती सोमवार नवरात्र के प्रथम दिन वैश्य समाज ने धूमधाम से जनपद सहित नगर पंचायत में मनाया। इस दौरान महाराजा अग्रसेन के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर व दीप प्रज्ज्वलित करके श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
विदित हो कि महाराजा अग्रसेन को अग्रहरि व अग्रवाल समाज का पूर्वज कहा जाता है। उनकी जयंती पर विधिवत समाज के लोगों द्वारा पूजा की जाती है। महाराजा अग्रसेन प्रभु श्रीराम के वंशज थे। महाराजा अग्रसेन को अग्रवाल समाज, अग्रोहा समाज का पूर्वज कहा जाता है।
मान्यता है कि उनके कुल की प्रमुख देवी महालक्ष्मी हैं। उनके आशीर्वाद से महाराजा अग्रसेन के कुल में सदैव समृद्धि व खुशहाली बनी रहती है। महाराजा अग्रसेन का जन्म द्वापर युग के अंत व कलियुग के प्रारंभ में हुआ था। उनको भगवान श्रीकृष्ण का समकालीन माना गया है। महाराजा अग्रसेन की जयंती अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। यह शारदीय नवरात्र का प्रथम दिन है।
महाराजा अग्रसेन भारतीय इतिहास के एक ऐसे महान व्यक्ति थे, जिन्हें न केवल एक राजा के रूप में बल्कि एक दूरदर्शी समाज सुधारक और जनकल्याणकारी शासक के रूप में याद किया जाता है। महाराजा अग्रसेन का जन्म द्वापर युग में 5174 वर्ष पूर्व महाराजा वल्लभ और महारानी भगवती के घर हुआ था। वे भगवान श्रीराम के पुत्र कुश की 34वीं पीढ़ी थे। उनका जन्म स्थान प्रताप नगर था। महाराजा अग्रसेन ने अपने राज्य को एक आदर्श गणराज्य बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने अपने राज्य का नाम अग्रहोरा रखा जो आज हरियाणा में स्थित है।
सोमवार को नगर पंचायत स्थित अनिल अग्रहरि के आवास पर समाज के लोगों ने अग्रसेन जयंती पूरी श्रद्धा व आस्था के साथ धूमधाम से मनाया। इस दौरान उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस मौके पर काशीनाथ अग्रहरि, विवेक अग्रहरि, रामानन्द अग्रहरि, राकेश, बसंत, विजय बाबा, विमलेश, हरिदास, बृजेश, जय, मंटू, मदन, सुजीत, बिट्टू, संदीप, संजय, राहुल राज सहित बड़ी संख्या में अग्रहरि समाज के लोग मौजूद रहे।