वाराणसी
नगर निगम बैठक में तोड़फोड़ का मामला, फास्ट ट्रैक कोर्ट से जमानत मंजूर
वाराणसी। नगर निगम की मिनी सदन बैठक के दौरान हुए हंगामे और तोड़फोड़ के मामले में आरोपित पूर्व पार्षदों को कोर्ट से राहत मिली है। फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) के न्यायाधीश सुनील कुमार की अदालत ने प्रशांत सिंह उर्फ पिंकू, कमल पटेल, सीताराम केशरी, रियाजउद्दीन, मो. सलीम, अफजाल अंसारी और मनोज यादव को अग्रिम जमानत देते हुए आदेश दिया कि पुलिस गिरफ्तारी की स्थिति में एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र देने पर उन्हें रिहा किया जाए।
बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, रवि तिवारी और कृष्णा यादव ईलू ने दलीलें पेश कीं।अभियोजन पक्ष के अनुसार, तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त मोतीलाल सिंह ने 24 मार्च 2018 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसी दिन कार्यकारिणी समिति के 12 सदस्यों के निर्वाचन के लिए सांस्कृतिक शंकुल भवन, चौकाघाट में बैठक आयोजित की गई थी।
बैठक के दौरान दशाश्वमेघ वार्ड के पार्षद नरसिंह दास ने नवापुरा वार्ड की पार्षद पूजा जायसवाल के निधन का शोक प्रस्ताव रखते हुए बैठक स्थगित करने की मांग की। शोक सभा के बाद बैठक किसी और दिन करने की बात कही गई, लेकिन इसी बीच तत्कालीन पार्षद सीताराम केशरी, प्रशांत सिंह और अजीत सिंह ने उसी दिन चुनाव कराने की जिद की।
इसके बाद प्रशांत सिंह उर्फ पिंकू, अविनाश यादव (विक्की), कमल पटेल, सीताराम केशरी, अंकित यादव, भैयालाल यादव, अवनीश यादव, बबलू शाह, सुनील यादव, अरसद लड्डू समेत अन्य लोगों ने हंगामा करते हुए महापौर के खिलाफ नारेबाजी की।
आरोपियों ने अध्यक्षासन पर चढ़कर टेबल और कुर्सियां उलट दीं तथा सदन के भीतर तोड़फोड़ कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इस घटना से न केवल नगर निगम की संपत्ति को क्षति हुई बल्कि सदन की गरिमा भी प्रभावित हुई।इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिस पर अदालत ने सुनवाई करते हुए अग्रिम जमानत मंजूर कर दी।