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वाराणसी

दो होटलों पर वीडीए की कार्रवाई अधूरी, ढिलाई पर उठे सवाल

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वाराणसी। छावनी क्षेत्र के बुद्ध विहार कॉलोनी में अवैध रूप से बने होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) की कार्रवाई अभी भी अधूरी है। पिछले साल वीडीए ने दोनों होटलों को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था और सील कर कैंट पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया था। इसके बावजूद शेष अवैध निर्माण को अब तक नहीं गिराया गया है।

वीडीए ने होटल मालिक मोहम्मद जाफर अली खां से ध्वस्तीकरण खर्च के रूप में 4 लाख 6 हजार 666 रुपये हर्जाना मांगा है। रकम जमा न करने पर जिलाधिकारी को वसूली की कार्रवाई के लिए पत्र भी भेजा गया है। सवाल यह है कि शेष निर्माण कब तोड़ा जाएगा और आखिर किस आदेश का इंतजार है।

पिछले साल जुलाई में वीडीए ने पांच घंटे तक तोड़फोड़ की थी। एक-एक कमरे के दरवाजे, खिड़की और बाथरूम तोड़ दिए गए थे। मजदूरों ने हथौड़े और मशीन से अंदरूनी संरचना को क्षतिग्रस्त किया था। बुलडोजर से बाहरी हिस्सा भी गिराया गया था। उस दिन कार्रवाई देखने के बाद लग रहा था कि जल्द ही होटल पूरी तरह जमींदोज हो जाएंगे, लेकिन इसके बाद से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।

उस कार्रवाई में वीडीए के 120 कर्मचारी, 150 से अधिक पुलिसकर्मी और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग और सचिव डॉ. वीपी मिश्रा भी मौके पर थे। कार्रवाई के दौरान होटल से सटे बैंक्वेट हॉल को तोड़ दिया गया था।

मोहम्मद जाफर अली खां ने भूखंड संख्या 20 पर तीन मंजिला आवासीय नक्शा पास कराया था, लेकिन भूखंड संख्या 18 और 19 को जोड़कर छह मंजिला अवैध होटल बनारस कोठी खड़ा कर लिया। वर्ष 2015 में नोटिस जारी कर इमारत को सील किया गया और 2016 में ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया। इसी तरह रिवर पैलेस भी नक्शे के विपरीत बनाया गया था।

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ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ होटल संचालक ने मंडलायुक्त कोर्ट, शासन और हाईकोर्ट तक अपील की लेकिन सभी जगह से मामला खारिज हो गया। इसके बावजूद अवैध निर्माण पूरी तरह नहीं हटाया गया। होटल संचालक पर आगजनी कराने और अन्य मामलों में मुकदमे भी दर्ज हैं।

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