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गाजीपुर

देवी चंद्रघंटा की आराधना से दूर होती है नकारात्मक ऊर्जा, घर में आती है समृद्धि

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बहरियाबाद (गाजीपुर) जयदेश। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां का यह रूप भक्तों को शांति, समृद्धि और साहस प्रदान करने वाला माना जाता है। देवी के माथे पर घंटे के आकार का आधा चंद्रमा होने के कारण ही उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।

देवी चंद्रघंटा की पूजा का महत्व

शांति और स्थिरता: मां चंद्रघंटा को शांति और स्थिरता की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से मन शांत होता है और जीवन में संतुलन आता है।

साहस और वीरता: देवी का यह रूप युद्ध के लिए तैयार रहने वाला है, इसलिए उनकी पूजा से भक्तों में साहस और वीरता का संचार होता है। इससे व्यक्ति किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम बनता है।

सौभाग्य और समृद्धि: देवी चंद्रघंटा को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इनकी पूजा से घर में सुख-शांति और धन-समृद्धि आती है।

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नकारात्मक ऊर्जा का नाश: ऐसा माना जाता है कि देवी के घंटे की ध्वनि नकारात्मक शक्तियों को दूर भगाती है। उनकी पूजा से जीवन से सभी नकारात्मकता दूर हो जाती है।

इस दिन पूजा में केसर या पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। मां को सफेद कमल, गुड़ और खीर का भोग लगाना चाहिए। पूजा के बाद मां के मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।

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