वाराणसी
दस लाख की धोखाधड़ी में ठग की पत्नी और बेटी पर केस दर्ज
गैंगस्टर की कार्रवाई में देरी पर उठ रहे सवाल
वाराणसी। स्टेशनरी और कंप्यूटर कारोबार के नाम पर शहर के कई बड़े व्यापारियों को लाखों रुपये का चूना लगाने वाले शरद भार्गव के खिलाफ एक और मामले में कार्रवाई आगे बढ़ी है। थाना चेतगंज में उसकी पत्नी ऋचा भार्गव और बेटी देवांशी भार्गव पर भी 10 लाख की वित्तीय धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता विकास मेहरोत्रा, जो रघुनाथ नगर, तुलसीपुर के मॉड्यूलर किचन व्यवसायी हैं, उन्होंने आरोप लगाया है कि व्यापार में निवेश और लाभ के नाम पर उनसे भारी रकम ली गई और फिर संपर्क तोड़ दिया गया। पुलिस के अनुसार, इस केस में नामजद मां-बेटी वर्तमान में फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है।
दीपावली से ठीक पहले, पुलिस ने उसे हरियाणा के एक रेस्तरां से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ चेतगंज, चौक, लंका और कोतवाली थानों में धोखाधड़ी के कई मुकदमे लंबित हैं। बताया गया कि शरद ने व्यापारिक साझेदारी और अपनी लंका स्थित फ्लैट को बेचने के नाम पर अलग-अलग व्यक्तियों से करोड़ों रुपये ऐंठे। इसी फ्लैट के सौदे में उसने एक प्रोफेसर से भी करीब 80 लाख हड़प लिए और भाग निकला।
गिरफ्तारी के समय लंका पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि शरद और उसके सहयोगियों पर गैंगस्टर एक्ट लगेगा और रिमांड पर लेकर व्यापारियों के पैसे की रिकवरी कराई जाएगी। लेकिन अब यह सवाल चर्चा में है कि इतने गंभीर मामलों के बावजूद अब तक सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
कई मामलों में गिरफ्तारी रोकने के लिए शरद ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा था, जिसके चलते पुलिस कार्रवाई में बाधा आ रही थी। हालिया गिरफ्तारी नए केस के आधार पर की गई है।
सूत्रों की मानें तो जेल में बंद शरद से उसकी पत्नी-बेटी अब भी मुलाकात करती रही हैं। पुलिस अब इस नए मुकदमे के आधार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और मां-बेटी की गिरफ्तारी दोनों की तैयारी में है।
