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वाराणसी

दलित उत्पीड़न केस में नगर निगम सुपरवाइजर को मिली जमानत

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वाराणसी। दलित युवक पर पिस्टल के कुंदे से हमला और जातिसूचक गालियां देने के मामले में नगर निगम के सुपरवाइजर अनिकेत उपाध्याय को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने आरोपित को 25-25 हजार रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और मुकेश सिंह ने अदालत में पक्ष रखा।

मामला महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एमए समाजशास्त्र के छात्र अश्वनी सोनकर से जुड़ा है। छात्र ने सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप के अनुसार, 29 जनवरी 2021 की दोपहर करीब 3 बजे वह अपने साथी अनुराग सिंह राजपूत के साथ विश्वविद्यालय से घर लौट रहा था। तभी रास्ते में आयुष यादव, अनुराग राय और अनिकेत उपाध्याय (मोहित) ने उसे जातिसूचक शब्दों से गाली दी। विरोध करने पर पिस्टल के कुंदे से उस पर हमला किया और लात-घूंसों से पीटा।

छात्र ने बताया कि मारपीट के दौरान उसे लाठी-डंडे से भी मारा गया। जाते-जाते आरोपितों ने धमकी दी कि “खटिक के जात होके विश्वविद्यालय पढ़ने लायक नहीं हो, अगर दोबारा यहां आए तो जान से मार देंगे।”

इस घटना में सिगरा पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ दलित उत्पीड़न समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। बाद में नगर निगम के सुपरवाइजर अनिकेत उपाध्याय ने अधिवक्ता के जरिए कोर्ट में समर्पण कर जमानत अर्जी दाखिल की। सुनवाई के बाद अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली।

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