वाराणसी
दरोगा-वकील विवाद पर चंदौली सांसद ने की बातचीत से समाधान निकालने की अपील

फ्रेट कॉरिडोर उद्घाटन समारोह का सांसद ने किया बहिष्कार, गरीबों की जमीन हड़पने का लगाया आरोप
वाराणसी। चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने वाराणसी में दरोगा और अधिवक्ताओं के बीच जारी विवाद को अनुचित बताया और दोनों पक्षों से आपसी सम्मान बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह विवाद न केवल पुलिस और वकीलों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी ठीक नहीं है। जब किसी को न्याय नहीं मिलता, तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाता है और वकील उसकी मदद करते हैं। यदि वकील ही समाज के पीड़ित हो जाएं, तो न्याय कहां मिलेगा।
सांसद ने अपने आवास टैगोर टाउन में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि विवाद में शामिल पक्षों को अपनी कमियों को छिपाने के बजाय वरिष्ठ अधिवक्ताओं, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के साथ बातचीत कर आपसी सहमति बनानी चाहिए।
वीरेंद्र सिंह ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के समाजवादी पार्टी पर कटाक्ष पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बृजेश पाठक पहले बसपा में रहते हुए भाजपा की आलोचना करते थे और अब समाजवादी पार्टी की। ऐसा लगता है कि वे अब पाला बदलने वाले हैं।
सांसद ने प्रधानमंत्री द्वारा गरीबों की जमीनों पर जबरदस्ती बनने वाले फ्रेट कॉरिडोर के वर्चुअल उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि राल्हुपुर, ताहिरपुर, मिल्कीपुर और आसपास के गांवों से लगभग डेढ़ सौ एकड़ जमीन पर फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। सांसद ने कहा कि गरीबों की जमीन जबरदस्ती हड़पकर और बिना मुआवजा दिए होने वाले उद्घाटन में शामिल होना गरीबों का अपमान करने के बराबर है।
सांसद ने जल परिवहन सेवा की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि चार साल में केवल 300 टन माल ही गंगा नदी के जरिए ढोया गया है, और वह भी बाढ़ के समय। साल के अन्य 10 महीने इस सेवा का संचालन नहीं हो पाता क्योंकि गंगा का जलस्तर बहुत नीचे चला जाता है। गर्मियों में किनारे लगाए गए पंप कैनाल भी बंद कर दिए जाते हैं। उन्होंने इसे केवल प्रधानमंत्री का सपना बताया, जिसकी कीमत कम से कम 1000 परिवारों को भुगतनी पड़ेगी।
इसलिए सांसद ने फ्रेट कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में भाग लेने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि गरीबों के हितों को नजरअंदाज करने वाले इस निर्माण का मैं पुरजोर विरोध करता हूं।