मऊ
दक्षिणेश्वर हनुमान मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
मऊ। भोले नाथ के विवाह में बाराती के रूप में भूत-प्रेत, कीड़े-मकोड़े और देवताओं का समावेश था। लेकिन जब दूल्हे के भव्य परिधान और श्रृंगार को देखा, तो मां पार्वती की माता मैंना मूर्छित हो गईं। यह विचार अयोध्या से आए मानस मर्मज्ञ श्री राम मनोहर दास जी महाराज ने श्री दक्षिणेश्वर हनुमान मंदिर में आयोजित श्री राम कथा के पहले दिन कृष्ण चित्र मंदिर के प्रांगण में व्यक्त किए।
श्री शास्त्री जी ने बताया कि पर्वत राज हिमालय की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मां जगदम्बा ने बेटी के रूप में जन्म लेने का वरदान दिया था। बचपन से ही मां पार्वती ने देवाधिदेव भोले नाथ को पाने के लिए तपस्या की थी, जैसा कि देव ऋषि नारद ने उन्हें बताया था कि बाबा भोले नाथ से ही जगत जननी का विवाह होगा।
इस अवसर पर कथा वाचक श्री शास्त्री जी का स्वागत माला पहनाकर किया गया। मंदिर के पुजारी विवेकानंद नागराज और आयोजन समिति के सदस्य छवि श्याम शर्मा, संतोष अग्रवाल, अभिषेक आदि ने उनका स्वागत किया।
शास्त्री जी ने राम कथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि इस कथा के श्रवण से मनुष्य के जीवन की सारी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इस अवसर पर शिवधर यादव, देवेंद्र, मोहन सिंह, रामाशीष दुबे, आर. के. मिश्र, पंकज वर्मा, पुनीत, श्री वास्तव, फागू मद्धेशिया, धनेश, कमल कुमार सिंधी, किशुन जी बरनवाल, राजेश श्रीवास्तव समेत सैकड़ों श्रोता मंत्रमुग्ध होकर कथा का श्रवण कर रहे थे।