Connect with us

वाराणसी

तुलसी विवाह के पवित्र पर्व पर संकल्प द्वारा भगवान श्री हरि की आराधना के साथ लगा भोग

Published

on

‘‘कन्हैयालाल गुलालचन्द्र सर्राफ’’ के सामने बाबा विश्वनाथ के भक्तों में वितरित हुआ

रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी। तुलसी विवाह (देवउठनी एकादशी) के पवित्र अवसर पर हमारे आराघ्य देव भगवान श्रीहरि की की पूजा अर्चना कर भोग में मिष्ठान एवं फल आदि अर्पित कर, प्रसाद चौक स्थित प्रतिष्ठान ‘‘कन्हैयालाल गुलालचन्द्र सर्राफ’’ के सामने बाबा विश्वनाथ के दर्शनार्थियों में वितरित किया गया।
प्रसाद वितरण के दौरान संस्था के कोषाघ्यक्ष आलोक जैन एवं सभी सहयोगियों ने विश्वनाथ धाम आने वाले भक्तों में प्रसाद वितरित किया। उन्होने बताया कि,‘‘ प्रसाद वितरण के पुनीत कार्य से हम सभी को जो खुशी मिलती है उसका वर्णन शब्दों में करना अत्यन्त कठिन कार्य है। यहां प्रसाद प्राप्त कर रहे सभी जन उसे ग्रहणकर तृप्तभाव से साधुवाद दे रहे हैं। प्रसाद वितरण कार्यक्रम में जो लोग अपनी सहभागिता दे रहे हैं वही इस उत्साहपूर्ण आनन्द का अनुभव कर सकते हैं। यह कार्य सभी के लिए प्रेरणादायी है। मुझे गर्व है कि मै संकल्प परिवार के इस महान कार्य में अपनी सहभागिता प्रदान कर रहा हूं। आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योगनिद्रा में लीन रहते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं । भगवान विष्णु के जागृत होने के बाद उनके शीलाग्राम अवतार के साथ तुलसी जी का विवाह कराए जाने की परंपरा है।
संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने बताया कि आज तुलसी विवाह पर भगवान विष्णु को भोग लगाकर सभी की मंगलकामना के साथ प्रार्थना की गयी। इस पुनीत कार्यक्रम के स्थायी संचालन हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है उन्होने सभी समर्थजनों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सर्वतजन हितार्थ चलाया जा रहा यह कार्य, आप सभी के सहयोग से ही संम्भव है। हमे विश्वास है कि सभी का सहयोग इस पुनीत कार्य के लिए संस्था को सदैव प्राप्त होता रहेगा। जिससे लोग लाभान्वित होते रहेंगे।
उक्त अवसर पर प्रमुख रूप से गिरधर अग्रवाल (मद्रास क्लाथ स्टोर), मृदुला अग्रवाल, लव अग्रवाल, विष्णु कुमार जैन, अभय, प्रमोद, अमित, भैयालाल, मनीष उपस्थित रहे।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page