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डाॅ.अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग

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मऊ। उत्तर प्रदेशीय अनुसूचित जाति/अनु. जनजाति बेसिक शिक्षक महासंघ, बहुजन कल्याण परिषद, सम्यक समाज सेवा संस्थान, डॉ. आंबेडकर अधिवक्ता संघ, सोशल जस्टिस ऐडवोकेट फोरम, नवजागरण आंबेडकर समिति समेत विभिन्न संगठनों के अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं, समाजसेवियों और शिक्षकों ने मिलकर बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस (6 दिसंबर 2024) को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की।डॉ. रामविलास भारती की अध्यक्षता में माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी मऊ के प्रतिनिधि अवधेश कुमार, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा गया।

डॉ. भारती ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर देशभर में उनके जीवन संघर्षों पर आधारित संगोष्ठियों और कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और उनके विचारों के समर्थक बड़ी संख्या में इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। सार्वजनिक अवकाश न होने के कारण कई लोग इन आयोजनों में शामिल नहीं हो पाते।पूर्व मुख्य प्रबंधक मुखराम ने कहा कि बाबा साहेब एक राष्ट्रीय व्यक्तित्व हैं, और उनके परिनिर्वाण दिवस पर सार्वजनिक अवकाश करोड़ों लोगों की भावनाओं का सम्मान होगा।

एडवोकेट हरिनाथ ने बाबा साहेब के विधिक विचारों को अधिवक्ताओं के लिए प्रेरणादायक बताया। रामभवन प्रसाद ने बाबा साहेब को जनमानस का आदर्श बताते हुए कहा कि उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए सार्वजनिक अवकाश आवश्यक है।

इस अवसर पर डॉ. भिक्खु मूलचंद नाग, रामअवध राव, मुखराम, इंद्रदेव प्रसाद, भूपेंद्र वीर, एडवोकेट हरिनाथ, एडवोकेट प्रदीप, एडवोकेट दिग्विजय, एडवोकेट चंद्रप्रकाश, एडवोकेट ज्योति रंजन समेत कई अन्य अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने बाबा साहेब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में 6 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की।

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