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झारखंड की बेटी दौड़ा रही वंदे भारत एक्सप्रेस

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जमशेदपुर के जुगसलाई की रहने वाली रितिका तिर्की तब चर्चा में आईं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जमशेदपुर दौरे के दौरान उन्होंने टाटा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को टाटानगर से चलाकर पटना पहुंचाया। इसके साथ ही रितिका देश की पहली महिला लोको पायलट बनीं, जिसने वंदे भारत ट्रेन चलाई है।

रितिका ने बताया कि आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। लोको पायलट का काम चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन ट्रेन चलाना उनका शौक था जिसे उन्होंने अपना करियर बनाया और इसमें सफलता हासिल की। वंदे भारत ट्रेन चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट बनने के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी चुनौती है। ट्रेन चलाने का कोई निश्चित समय नहीं होता। जब भी कॉल आती है, उन्हें ट्रेन चलानी होती है। यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन का सुचारु संचालन सुनिश्चित करना एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसे वह बखूबी निभा रही हैं।

आपको बता दें कि, रितिका झारखंड के गुमला जिले के टोटो गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता लुटिया भगत फॉरेस्ट गार्ड के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। आदिवासी परिवार से होने के बावजूद रितिका ने अपनी पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने रांची से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और फिर बीआईटी मेसरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

इसके बाद उन्होंने भारतीय रेलवे में नौकरी शुरू की। 2019 में वह रेलवे में लोको पायलट के पद पर नियुक्त हुईं। उनकी पहली पोस्टिंग चंद्रपुरा में हुई और 2021 में उनका ट्रांसफर टाटानगर हो गया। वह जुगसलाई में किराए के मकान में रहती हैं। उनके पति यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं और पहले बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी रह चुके हैं। उनकी दो बहनें और एक भाई भी हैं जो फिलहाल पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि उनकी मां आशा देवी गृहिणी हैं।

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