Connect with us

मिर्ज़ापुर

जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य और आयुष योजनाओं की प्रगति की समीक्षा

Published

on

लापरवाह अधिकारियों पर कसा शिकंजा

मीरजापुर। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में जिला आयुष समिति, जिला स्वास्थ्य समिति एवं राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न योजनाओं की प्रगति और निर्माण कार्यों की स्थिति पर बिंदुवार समीक्षा की गई।

होम्योपैथिक विभाग की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि पड़रिया कला में निर्माणाधीन अस्पताल को एक माह के भीतर पूरा कर संबंधित विभाग को हैंडओवर कर दिया जाए।

हीरापट्ट और गौरा गांवों में निर्माण कार्य की धीमी गति पर उन्होंने नाराजगी जताई और आरईएस के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया कि गुणवत्ता की स्वयं जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यदि निर्माण कार्य में खामी पाई जाती है, तो संबंधितों से वसूली की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 7 अस्पताल निर्माणाधीन हैं।

इस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि हलिया, जमालपुर और राजगढ़ विकास खंडों के ग्राम पंचायत स्तर पर नए अस्पताल खोलने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे जाएं ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में भी चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाई जा सकें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख मंदिरों, त्योहारों और स्कूलों में आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक मेडिकल कैंप लगाए जाएं, जहां स्वास्थ्य परीक्षण और दवा वितरण हो सके।

Advertisement

आयुर्वेदिक विभाग की समीक्षा में यह जानकारी दी गई कि जिले में 54 आयुर्वेदिक अस्पतालों में से 10 निर्माणाधीन हैं, जिनमें से 9 की छत तक का काम पूरा हो चुका है। नरायनपुर में एक चिकित्सालय किराए पर संचालित हो रहा है, जबकि 19 शासकीय भवनों और शेष अस्पतालों को पंचायत भवनों में स्थापित किया गया है।

योग प्रशिक्षकों को लेकर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि स्कूल खुलने पर रोस्टर बनाकर उन्हें प्रातःकालीन प्रार्थना में योगाभ्यास के लिए भेजा जाए।स्वास्थ्य समिति की समीक्षा में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दी जा रही सुविधाओं पर चर्चा की गई।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राजगढ़ की खराब प्रगति पर जिलाधिकारी ने एमओआईसी का वेतन रोकने के निर्देश दिए और चेतावनी दी कि अगली बैठक में सुधार नहीं होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बीएचएनडी सत्र के माध्यम से ओआरएस और जिंक का वितरण आशा संगिनियों और आशाओं के माध्यम से सुनिश्चित कराया जाए।

कुछ प्रभारी चिकित्साधिकारियों द्वारा आशाओं की लापरवाही की शिकायत पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि दोषी आशाओं को हटाकर नियमानुसार नई नियुक्ति की जाए।टीकाकरण के संदर्भ में जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे टीका न लगवाने वाले परिवारों की सूची प्राप्त कर ग्राम प्रधानों और कोटेदारों के माध्यम से उन्हें जागरूक करें।

Advertisement

आशाओं को घर-घर जाकर गुणवत्तापूर्ण विजिट करने और प्रभारी चिकित्साधिकारियों को खुद भी फील्ड में जांच करने के निर्देश दिए गए। साथ ही ‘मंत्रा एप’ पर 24 घंटे के भीतर सभी डेटा फीडिंग सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।बैठक में दवा उपलब्धता, पीपीपी परियोजनाएं, शिशु टीकाकरण, मातृ मृत्यु दर और एफआरयू की समीक्षा भी की गई।

बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सी.एल. वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.के. श्रीवास्तव, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी, डीआरडीए के परियोजना निदेशक धर्मवीर सिंह, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी श्रीकांत रजक, जिला पंचायत राज अधिकारी संतोष कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी संजय बरनवाल सहित सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी व यूनिसेफ प्रतिनिधि मौजूद रहे।

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa