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पूर्वांचल

जान देने के लिए 20 किलोमीटर पैदल चली विवाहिता

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रिपोर्ट -‌ अब्दुल वाहिद

भदोही। शासन-प्रशासन की ओर से क्यों न महिला उत्पीड़न रोकने के उददेश्य से इन दिनों 120 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया रहा है। लेकिन इनकी आत्मिक गतिविधियों को भांपने में महिला कल्ल्याण विभाग की कार्य प्रणालियां कब सक्रिय नजर आएंगी ? कुछ नहीं कहा जा सकता।      

कुछ ऐसा ही एक मामला गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र निवासी एक विवाहिता को लेकर सामने आया जिसकी पीड़ा सुनकर महिला समाज ही दंग नहीं रहा, बल्कि पुलिस भी मर्माहत रही। गोपीगंज के तिलंगा गांव से जान देने के लिए विवाहिता लगभग 20 किलोमीटर तक पैदल चलकर औराई के कोठरा पहुंची थी। जहां वह आंखों में आंसू लिए वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर नान-स्टाप चल रहे वाहनों के नीचे पहुंचते ही झुकती तो कभी बचती नजर आयी। विवाहिता के इस क्रिया को भांप स्थानीय लोगों ने 112 नंबर पुलिस को सूचना देकर बुला लिया।      

पुलिस ने जब यह जानने का प्रयास किया तो हकीकत सामने आती गई। रोते-बिलखते विवाहिता ने बताया कि उसकी शादी 14 साल पहले गोपीगंज के तिलंगा गांव में हुई है और वह दो बच्चों की मां है। ससुराल के लोग आये दिन मारपीट कर प्रताड़ित करते रहते हैं। इस वजह से तंग आकर उसने हमेशा के लिए मुक्त होने 20 किलोमीटर दूर कोठरा-औराई पहुंची थी।     

वहीं इस मामले में उप निरीक्षक कमल टावरी ने कहा कि, मामला गोपीगंज कोतवाली से संबंधित है। विवाहिता को महिला पुलिस के साथ गोपीगंज कोतवाली भेज दिया गया है।

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