पूर्वांचल
जयप्रकाश दुबे के आवास पर हो रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान रस में डूबे भक्त
श्रीमद भागवत कथा कार्यक्रम 20 से 26 सितंबर को हुआ आरम्भ तथा ग्राम परिक्रमा व गया प्रस्थान 29 सितंबर को
श्रीमद भागवत कथा में पहुंचे पूर्व विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी व पूर्व प्रमुख विकास मिश्रा का हुआ भव्य स्वागत
भदोही। नगर के धहरौरा स्थित मुख्य यजमान सभापति दुबे, रमापति दुबे व जयप्रकाश दुबे की ओर से 20 सितंबर से लेकर 26 सितंबर तक चल रहे श्रीमद् भागवत कथा गयाजी प्रस्थान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। श्रीमद भागवत कथा में आचार्य महाराज द्वारा भगवान श्रीकृष्ण जी के जीवनी पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में प्रवचन करने के लिए उत्तराखंड से चल कर आये आचार्य रविकेश महाराज के आशीर्वचन में भक्त ज्ञान रस से लाभान्वित हो रहे है। 20 सितंबर से आरम्भ कार्यक्रम में कथा का शुभारंभ संत के महा आरती में ईश्वर को ध्यान कर भक्ति गीत से हुआ। आचार्य रविकेश महाराज ने कथा का जीवन में महत्व बताए।
उन्होंने कहा कथा की सार्थकता जब ही सिध्द होती है जब इसे हम अपने जीवन में व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल ‘ मनोरंजन, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए की पहचान कर उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण, भागवत कथा श्रवण करने की जरूरत है। संत ने आगे कहां कि श्रीमद भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है।
जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं। कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद्भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं।श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है।श्रीमद भागवत कथा में मुख्य रुप से पूर्व विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी, ब्लाक प्रमुख विकास मिश्रा, तहसीलदार सिंह, रिंकू दुबे, राकेश उर्फ पप्पू तिवारी, प्रकाशचन्द जायसवाल, दिलीप खन्ना, भरत लाल दुबे, चौधरी सिंह, राजकुमार पांडेय, डॉ वीरेंद्र दुबे, डॉ शैलेन्द्र दुबे, डॉ योगेश कुमार दुबे, आशुतोष कुमार दुबे, हरिदास यादव आदि लोग उपस्थित थे।