गाजीपुर
जमानियां रोडवेज बस स्टेशन कई वर्षों से उपेक्षित, स्टाफ की तैनाती अधर में

हफ्ते में सिर्फ दो दिन खुलता है दरवाजा, मरम्मत के अभाव में जर्जर हुआ स्टेशन
गाजीपुर। जनपद के जमानियां क्षेत्र में स्थित उत्तर प्रदेश परिवहन निगम का बस स्टेशन विगत तीन दशकों से उपेक्षा का दंश झेल रहा है। वर्ष 1991-92 में तत्कालीन परिवहन मंत्री शारदा चौहान द्वारा ग्रामीणों की मांग पर स्थापित यह स्टेशन आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
हफ्ते में महज़ दो दिन खुलता है स्टेशन
लाखों की लागत से बना यह बस स्टेशन सप्ताह में सिर्फ दो दिन ही खुलता है, बाकी के पांच दिन ताले में ही गुजर जाते हैं। स्थानीय निवासी झिल्लू, नागेंद्र, अनीश समेत अन्य ग्रामीणों का कहना है कि देखरेख के अभाव में स्टेशन की हालत जर्जर हो गई है।
असामाजिक तत्वों का अड्डा, यात्रियों की बढ़ती परेशानी
शाम ढलते ही स्टेशन परिसर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है, जिससे स्थानीय लोग और यात्री असहज महसूस करते हैं। रोडवेज संचालन ठप होने के चलते यात्रियों को मजबूरी में निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे उन्हें अधिक किराया देना पड़ता है। कई बार किराए को लेकर निजी बस संचालकों से यात्रियों की कहासुनी भी हो चुकी है।
अब तक नहीं हुई कर्मियों की तैनाती
एआरएम बी.के. पांडेय के अनुसार जमानियां बस स्टेशन के लिए शासन स्तर से अब तक नियमित कर्मचारियों की तैनाती नहीं हो पाई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे ही कर्मियों की नियुक्ति होती है, स्टेशन को पूर्ण रूप से चालू कर दिया जाएगा।
लोगों की आस अब भी कायम
स्थानीय लोगों की मांग है कि शासन शीघ्र हस्तक्षेप कर जमानियां बस स्टेशन को फिर से जीवंत बनाए, जिससे न केवल आवागमन में सुविधा होगी बल्कि विभाग को भी राजस्व का लाभ मिल सकेगा।