गाजीपुर
जखनियां रेलवे स्टेशन पर पैदल राहगीरों की सुरक्षा दांव पर, फुट ओवर ब्रिज की मांग तेज

जखनियां (गाजीपुर)। वाराणसी–मऊ रेलखंड पर स्थित तहसील स्तरीय जखनियां रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण भले ही हो चुका हो, लेकिन सुविधाओं की दृष्टि से यह अब भी उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। इस स्टेशन से एक दर्जन से अधिक पैसेंजर तथा कई महत्वपूर्ण मेल और सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती हैं, लेकिन अधिकांश ट्रेनों का ठहराव न होने के कारण स्थानीय जनता केवल ट्रेनों को गुजरते हुए देखने को मजबूर है।
स्टेशन पर विस्तारीकरण के तहत एक अप और एक डाउन प्लेटफॉर्म का निर्माण तो हुआ, लेकिन सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से अब भी कई आवश्यक व्यवस्थाएं अधूरी हैं। सबसे बड़ी समस्या स्टेशन के उत्तरी केबिन, गेट संख्या 17 के पास भुडकुंडा मार्ग पर सामने आ रही है। पुराने केबिन को बंद कर नया गेट लगभग 500–600 मीटर उत्तर की ओर बना दिया गया है, जिससे वाहन चालकों को तो आवागमन में सुविधा मिल गई, लेकिन पैदल राहगीरों, साइकिल सवारों, बुजुर्गों और महिलाओं को भारी जोखिम उठाकर रेलवे ट्रैक पार करना पड़ रहा है।
यह स्थिति उस समय और भी खतरनाक हो जाती है जब ट्रेनें आती-जाती हैं। चूंकि जखनियां स्टेशन के पश्चिमी क्षेत्र में घनी आबादी है और पूर्वी क्षेत्र में तहसील, ब्लॉक, कोतवाली, मुंसिफी, रजिस्ट्री कार्यालय, चिकित्सालय व डाकघर जैसे सभी प्रमुख सरकारी कार्यालय स्थित हैं, इसलिए प्रतिदिन हजारों लोगों को रेलवे ट्रैक पार कर आना-जाना होता है।
स्थानीय नागरिकों ने पूर्व में वाराणसी मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) से मिलकर गेट संख्या 17 के पास एक पैदल फुट ओवर ब्रिज बनाने की मांग की थी। डीआरएम ने जनहित में इस पर सहमति जताते हुए आश्वासन दिया था, लेकिन कई माह बीत जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अब पुनः क्षेत्रीय लोगों ने मांग उठाई है कि गेट संख्या 17 के पास, जहां पर्याप्त स्थान उपलब्ध है, वहां पैदल राहगीरों की सुरक्षा हेतु या तो फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाए अथवा अंडरग्राउंड पैदल पुल बनाया जाए। यह जनहित का मामला है और यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे आंदोलन करने को विवश होंगे।