Connect with us

गाजीपुर

चार बच्चों का सामूहिक वैदिक उपनयन संस्कार संपन्न

Published

on

मरदह (गाजीपुर)। वर्तमान समय में जहां आधुनिकता की चकाचौंध में वैदिक परंपराएं लुप्त होती जा रही हैं, वहीं मरदह ब्लॉक के राईपाटी महाहर गांव से एक प्रेरणादायी उदाहरण सामने आया है। यहां के निवासी एवं सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक दिनेश पाण्डेय ने अपने परिवार की भावी पीढ़ी को वैदिक संस्कारों से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया है।

दिनेश पाण्डेय ने अपने दो पौत्रों आदित्य पाण्डेय एवं आर्यन पाण्डेय तथा दो नातियों आकाश चौबे और आयुष दुबे का एक साथ कर्ण वेद, उपनयन, विद्यारंभ एवं समावर्तन संस्कार बड़े धूमधाम और वैदिक विधि-विधान से संपन्न कराया।

कार्यक्रम में आचार्य कमलेश पाण्डेय द्वारा चारों बटुकों को ब्रह्मगायत्री मंत्र की दीक्षा दी गई और यजुर्वेद की प्राथमिक शिक्षा भी प्रदान की गई। इस दौरान उन्होंने ब्रह्मचारी और गृहस्थ आश्रम के अंतर को स्पष्ट करते हुए जीवन में संस्कारों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

दिनेश पाण्डेय ने इस अवसर पर कहा, “जब तक हम बच्चों को संस्कारों से नहीं जोड़ेंगे, तब तक उनसे अच्छे आचरण की अपेक्षा करना व्यर्थ है। वैदिक सनातन परंपरा के 16 संस्कार व्यक्ति को जीवन के हर मोड़ पर दिशा दिखाते हैं। हमें इन्हें न केवल याद रखना चाहिए, बल्कि भावी पीढ़ी को भी इसका ज्ञान देना चाहिए।”

Advertisement

इस अवसर पर बटुकों के नाना एवं वरिष्ठ भाजपा नेता जितेन्द्र नाथ पाण्डेय, मामा पंकज पाण्डेय, प्रदीप पाण्डेय, प्रशान्त पाण्डेय, प्रवीण पाण्डेय, मामी भाजपा नेत्री रूद्रा पाण्डेय, किसान मोर्चा के जिला महामंत्री धन्नजय चौबे, भाजपा मंडल अध्यक्ष धनंजय ओझा, आशुतोष चतुर्वेदी, प्रेमजीत सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की विशेषता रही भिक्षाटन की परंपरा, जिसमें चारों बटुकों ने आसपास के लोगों से भिक्षा ग्रहण की। यह वैदिक परंपरा उनके भीतर से अहंकार को दूर करने और विनम्रता की भावना विकसित करने का प्रतीक मानी जाती है।

इस अनूठे कार्यक्रम की चर्चा क्षेत्र भर में हो रही है। एक साथ चार भाइयों का उपनयन संस्कार लोगों के लिए आस्था और परंपरा से जुड़ने का प्रेरणास्रोत बन गया है।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page