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चलती बस में लगी आग, पांच की जलकर मौत; ड्राइवर-कंडक्टर फरार

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पिता के सामने बेटा-बेटी जिंदा जले; इमरजेंसी गेट नहीं खुला

लखनऊ में आउटर रिंग रोड (किसान पथ) पर गुरुवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया। दिल्ली जा रही एक स्लीपर एसी बस में अचानक आग लग गई, जिसमें पांच लोगों की जलकर मौत हो गई। मृतकों में मां-बेटी, भाई-बहन और एक युवक शामिल हैं। बस बिहार के बेगूसराय से बुधवार दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हुई थी।

नींद में थे यात्री, अचानक उठीं आग की लपटें
घटना के वक्त अधिकतर यात्री नींद में थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले बस में धुआं भरा और फिर तेज लपटें उठीं। भगदड़ मच गई। ड्राइवर और कंडक्टर बस छोड़कर फरार हो गए। बस की गैलरी में अतिरिक्त सीट लगी होने से बाहर निकलना मुश्किल हो गया।

पिता की आंखों के सामने जिंदा जले बच्चे
राम बालक महतो, जो अपनी गर्भवती पत्नी और दो बच्चों के साथ सफर कर रहे थे, उन्होंने बताया कि, “मैंने पत्नी को नीचे उतारा, पर बच्चे सीट पर सो रहे थे। उन्हें नहीं बचा सका। मेरी आंखों के सामने बेटा-बेटी जल गए।”

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वहीं, अशोक महतो ने कहा, “धुआं भर चुका था, मैंने शीशा तोड़कर बेटे के साथ कूद गया। पत्नी-बेटी बस में फंसी रहीं। उन्हें नहीं बचा सका।”

बस में थे गैस सिलेंडर, शॉर्ट सर्किट की आशंका
जांच में सामने आया है कि बस में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। बस में 5-5 किलो के 7 गैस सिलेंडर भी थे, हालांकि कोई सिलेंडर फटा नहीं। इमरजेंसी गेट नहीं खुलने से ज्यादातर यात्री फंस गए थे।

दमकल ने 30 मिनट में पाया आग पर काबू
आग की सूचना पर दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब 30 मिनट में आग पर काबू पाया गया। बस पूरी तरह जलकर राख हो गई। पांच शवों को बाहर निकाला गया, जिनकी पहचान लॉकेट और कड़ों से हुई।

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ड्राइवर-कंडक्टर पर लापरवाही का आरोप
यात्रियों ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद ड्राइवर और कंडक्टर कूदकर भाग गये। किसी को आगाह तक नहीं किया। बस में पर्दे लगे थे, जिससे आग तेजी से फैली। कई लोग गिरकर घायल हुए या कुचले गये।

FIR दर्ज, बस का परमिट पहले ही खत्म
यात्री राम बालक महतो की तहरीर पर मोहनलालगंज थाने में FIR दर्ज की जा रही है। परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने कहा कि बस का परमिट 2023 में ही समाप्त हो गया था। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, 4-4 लाख मुआवजा

मृतकों में समस्तीपुर की लख्खी देवी (55) व सोनी (26), बेगूसराय से मधुसूदन और सीतामढ़ी से देवराज (4) व साक्षी का नाम प्रमुख है। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि देने के निर्देश दिये हैं। साथ ही घायलों के समुचित इलाज के निर्देश भी दिये गये हैं।

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