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वाराणसी

गीता जयंती पर यथार्थ गीता वितरित, हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश

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वाराणसी। गीता जयंती के शुभ अवसर पर स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के शिष्य सुबेदार यादव ने बनारस जिले के चर्चित बहादुर शहीद राजा मजार, फुलवरिया कैंट में यथार्थ गीता का वितरण कर हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और एकता का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि यथार्थ गीता का अध्ययन जीवन की सभी समस्याओं का समाधान प्रदान करता है और पढ़ने वाले को परम शांति का अनुभव होता है।

इस अवसर पर सुबेदार यादव ने लगभग 100 मुस्लिम भाइयों के बीच यथार्थ गीता वितरित की और उन्हें इसके महत्व को समझाया। उन्होंने कहा, “गीता भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविंद से निकली वाणी है, जो भारत का राष्ट्रीय धर्मग्रंथ है। इसे पढ़ने से न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक जीवन में भी शांति और संतुलन आता है।”

सुबेदार यादव ने बताया कि वे 2010 से स्वामी अड़गड़ानंद महाराज से जुड़े हुए हैं और नहवानीपुर आश्रम में संत सेवा और समाज सेवा में सक्रिय हैं। उन्होंने गीता को लेकर जागरूकता फैलाने और समाज में शांति व सद्भाव स्थापित करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं।

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उन्होंने यह भी बताया कि गीता का 5200 वर्षों का ऐतिहासिक महत्व है, जिसे महर्षि वेदव्यास ने लिपिबद्ध किया था। इस वर्ष 11-12 दिसंबर को गीता जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “गीता का अध्ययन करने वाले व्यक्ति को न केवल भूत-प्रेत जैसी मान्यताओं से छुटकारा मिलता है, बल्कि उनके जीवन में स्थायी शांति और समाधान की प्राप्ति होती है।”

कार्यक्रम में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे एकता और सामंजस्य का उदाहरण प्रस्तुत हुआ। यादव ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे गीता का अध्ययन कर जीवन को शांति और सद्भाव के साथ जीने का मार्ग अपनाएं।

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