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वाराणसी

गांव को तरजीह देने से शहरों में घटे वोटर, मतदाता सूची पुनरीक्षण में सामने आई बड़ी वजह

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मतदाता सूची का अंतिम फैसला 6 मार्च 2026 को, जनवरी–फरवरी में दावा-आपत्ति

वाराणसी। विधानसभा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत गणना प्रपत्र भरने और जमा करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब सूची के आलेख प्रकाशन और दावा–आपत्ति की प्रक्रिया शेष है। एसआईआर के दौरान जनपद में कुल 31 लाख 53 हजार 705 मतदाताओं में से 24 लाख 7 हजार 143 मतदाता पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं।

वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मिलान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस दौरान गणना प्रपत्र भरने वाले 1 लाख 71 हजार 403 मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो सकी है। ऐसे सभी मतदाताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस के बाद साक्ष्य प्रस्तुत करने पर ही मतदाता बने रहने का निर्णय होगा। साक्ष्य सही पाए जाने पर नाम सूची में बने रहेंगे, अन्यथा नाम कटना तय है।

एसआईआर के अंतर्गत एएसडी (अनुपस्थित, शिफ्टेड व मृतक) श्रेणी के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। जनपद में ऐसे मतदाताओं की संख्या 5 लाख 72 हजार 947 है, जो कुल मतदाताओं का 18.17 प्रतिशत है।

विधानसभावार स्थिति पर नजर डालें तो उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक एएसडी मतदाता पाए गए हैं। यहां 1 लाख 11 हजार 286 (24.8 प्रतिशत) मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। हालांकि इन मतदाताओं को भी दावा–आपत्ति के दौरान साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। साक्ष्य के साथ उपस्थित होने पर वे पुनः मतदाता बन सकेंगे।

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शहरी क्षेत्र के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में नाम हटाए गए हैं। दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में 76 हजार 556 (23.83 प्रतिशत) और कैंट विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 12 हजार 421 (23.83 प्रतिशत) एएसडी मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। इनमें शिफ्टेड और अनुपस्थित मतदाताओं की संख्या अधिक रही है। इसके पीछे मुख्य कारण यह बताया गया है कि जिन मतदाताओं के नाम गांव और शहर दोनों जगह दर्ज थे, उन्होंने गांव को प्राथमिकता दी और शहर से गणना प्रपत्र नहीं भरा। इसके अलावा बड़ी संख्या में मतदाताओं ने शहर की बजाय गांव में ही मतदाता बने रहना उचित समझा।

पुश्तैनी संपत्ति और गांव में पहचान बनाए रखने को भी इसका कारण बताया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या घटने से राजनीतिक दलों में चिंता देखी जा रही है। मृतक मतदाताओं की प्रतिशत दर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में 3.11 प्रतिशत रही, जबकि अजगरा विधानसभा क्षेत्र में यह सबसे कम 1.98 प्रतिशत पाई गई। अजगरा में मृतक मतदाता सबसे कम हैं, जबकि शहर उत्तरी क्षेत्र में सर्वाधिक नाम हटाए गए हैं।

एसआईआर के बाद मतदाता सूची का आलेख प्रकाशन पहले 31 दिसंबर को होना था, जिसे अब 6 जनवरी को किया जाएगा। दावा–आपत्ति की प्रक्रिया 6 जनवरी से 6 फरवरी तक चलेगी। इसी क्रम में 6 जनवरी से 27 फरवरी तक नोटिस जारी करने और उनके निस्तारण की प्रक्रिया होगी। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 6 मार्च 2026 को किया जाएगा। इस संबंध में आदेश अपर जिलाधिकारी प्रशासन बिपिन कुमार की ओर से जारी किया गया है।

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