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वाराणसी

गंगा का जलस्तर बढ़ा, मणिकर्णिका घाट डूबा, छत पर हो रहे अंतिम संस्कार

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वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते 4 दिनों में पानी करीब 15 फीट चढ़ चुका है। हालांकि पिछले 24 घंटे से जलस्तर स्थिर बना हुआ है। शनिवार सुबह 8 बजे तक गंगा का जलस्तर 62.58 मीटर दर्ज किया गया, जबकि यहां खतरे का निशान 71.262 मीटर और चेतावनी स्तर 70.262 मीटर है।

जलस्तर बढ़ने से मणिकर्णिका घाट के अधिकांश शवदाह प्लेटफॉर्म जलमग्न हो गए हैं। अब शवों का अंतिम संस्कार घाट की छत पर किया जा रहा है। हरिश्चंद्र घाट पर भी शवदाह की जगह सीढ़ियों तक सिमट गई है। मोक्षदायिनी काशी में अंतिम संस्कार का यह दृश्य काफी भयावह हो चला है। पंडा-पुरोहितों की 300 से ज्यादा चौकियां डूब चुकी हैं। वहीं रत्नेश्वर महादेव मंदिर का 60% हिस्सा पानी में डूबा हुआ है।

राजेंद्र प्रसाद घाट, मान सिंह घाट, जानकी घाट और हनुमान घाट का संपर्क टूट चुका है। अस्सी से लेकर राजघाट तक 100 से ज्यादा छोटे मंदिरों में गंगा का पानी घुस गया है। घाटों पर कीचड़ और गंदगी फैलने लगी है। प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि यदि पानी छह फीट और चढ़ा तो मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के बचे हुए प्लेटफॉर्म भी डूब जाएंगे।

गंगा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जल पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। नाविकों को सख्त हिदायत दी गई है कि नाव में उसकी क्षमता से आधे लोग ही बैठाए जाएं। यात्रियों को नाव के अगले हिस्से में न बैठाने का निर्देश दिया गया है ताकि नाव का संतुलन बिगड़े नहीं। जल पुलिस प्रभारी राजकिशोर पांडेय ने बताया कि गश्त तेज कर दी गई है और लाइफ जैकेट के इस्तेमाल को लेकर यात्रियों और नाविकों को जागरूक किया जा रहा है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी।

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