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गाजीपुर

गंगा कटान से शेरपुर के सैकड़ों किसान भूमिहीन

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आजादी आंदोलन में शहीद हुए शेरपुर के 8 जवान, फिर भी गांव विकास से वंचित

गाजीपुर। शेरपुर गांव गंगा के किनारे बसा है। दो दशक से गंगा का कटान जारी होने के कारण अब तक दो किलोमीटर तक कृषि योग्य भूमि, हजारों-हजार एकड़ भूमि गंगा में समा गई। जिसमें सैकड़ों किसान की भूमि, बाग-बगीचे भी कटान में चले गए। एक दर्जन से अधिक किसानों की भूमि—श्याम नारायण राय की तीन, सियाराम राय की आठ, ओमप्रकाश राय की आठ, महिम नारायण राय की पांच, वंशनारायण राय की पांच, उपेंद्र राय की बारह, ओमप्रकाश राय की बारह, काशी यादव की चार, ललिता राय की चार बीघा आदि किसानों की सारी जमीन गंगा नदी में समा गई। ये लोग भूमिहीन हो गए हैं। उसके बाद मालगुजारी ली जाती है। मालगुजारी सरकार को देने के बाद भी बालू-पानी पर अधिकार नहीं है। सरकार को कम से कम इनकी मालगुजारी ही माफ कर देनी चाहिए।

इसके अलावा सैकड़ों किसानों की जमीन गंगा नदी में कटकर गिर रही है। जिसमें भरत राय, राधेश्याम राय, रविंद्र राय, खन राय, बबन राय, केदार राय, राम अवतार यादव, चंदन राय, अमर राय, विजय शंकर राय, सुदामा यादव, सुरेंद्र राय, सुशील राय आदि किसानों की भूमि कटान की जद में गिर रही है। गंगा नदी शेरपुर गांव की तरफ बढ़ रही है। जलालपुर मौजा के पास ठोकर बना है, अन्यथा गंगा में विलीन हो गया होता। मुबारकपुर गंगा नदी से मात्र 200 मीटर पर गंगा बह रही है।

इसको देखकर शासन-प्रशासन की नींद टूटी और शासन द्वारा 2022 से शेरपुर गांव को बचाने के लिए ठोकर का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। अधिशासी अभियंता देवकली पंप नहर खंड प्रथम ने बताया कि शेरपुर को 2022 से सर्वप्रथम श्मशान घाट के पास 500 मीटर ठोकर, छानवे में 800 मीटर ठोकर तथा 2023 में माधी में 300 मीटर, फिर 2024 में बीसवा में 550 मीटर ठोकर तथा माघी से 400 मीटर ठोकर बनवाए गए हैं। 2025 में जलालपुर में 400 मीटर ठोकर बना है तथा सठवा में 300 मीटर ठोकर पर कार्य हो रहा है। इस गांव को बचाने के लिए ठोकर बनवाए जा रहे हैं।

शेरपुर गांव की आबादी पचास हजार से ऊपर है। यह सात पुरवा सहित बना है। शेरपुर गांव के लोग देश को आज़ाद कराने में आगे रहे। 18 अगस्त 1942 के दिन डॉ. शिवपुजन राय सहित आठ जवान मुहम्मदाबाद तहसील पर झंडा फहराते समय अंग्रेजों के साथ शहीद हो गए थे। उसके बाद आज तक गांव का समुचित विकास नहीं हो सका। उनके नाम पर उद्योग-धंधे, कारखाने कुछ नहीं लगाए गए। आज भी शेरपुर गंगा नदी की कटान की जद में है। मुबारकपुर से लेकर गहमर शिवान तक एक किलोमीटर कटान जारी है। आज गंगा का पानी फिर से बढ़ने लगा। आज कटान रुक गई है, पर पानी के बढ़ाव से गांव में दहशत है।

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