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गोरखपुर

खुशी जायसवाल बनीं एक दिन की बीडीओ, संभाला कार्यालय, दिखाई प्रशासनिक दक्षता

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गोरखपुर। नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश करते हुए खजनी ब्लॉक के ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) रमेश शुक्ला ने एक प्रेरणादायक पहल की। मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत सेंट ऐंट इंटर कॉलेज, हरनही की कक्षा 10 की प्रतिभाशाली छात्रा खुशी जायसवाल को “एक दिन की बीडीओ” बनाया गया। इस पहल ने न केवल क्षेत्र में चर्चा बटोरी बल्कि बेटियों के आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को भी नई उड़ान दी।

खुशी जायसवाल ने बुधवार को पूरे दिन ब्लॉक कार्यालय की कमान अपने हाथों में संभाली। उन्होंने सबसे पहले कार्यालय के सभी कर्मचारियों से परिचय प्राप्त किया और ब्लॉक के विभिन्न विभागों के कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने ग्राम पंचायतों से संबंधित योजनाओं, विकास कार्यों, शिकायत निस्तारण प्रक्रिया और स्वच्छ भारत मिशन जैसे कार्यक्रमों की कार्यप्रणाली को बारीकी से समझा।

बीडीओ रमेश शुक्ला ने खुशी को ब्लॉक के प्रशासनिक ढांचे से अवगत कराते हुए उन्हें निर्णय लेने, फाइल निरीक्षण, व जनता से संवाद जैसे अधिकार सौंपे। खुशी ने आत्मविश्वास के साथ अधिकारियों से संवाद किया और कार्यालय में आने वाले ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने बताया कि यह अनुभव उनके लिए जीवनभर की प्रेरणा रहेगा। “मुझे ऐसा लगा जैसे मैं सच में लोगों के जीवन में बदलाव लाने की जिम्मेदारी निभा रही हूं,” खुशी ने कहा।

कार्यक्रम के समापन पर बीडीओ रमेश शुक्ला ने खुशी को एक प्रेरणादायक पुस्तक और वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “यह पहल मिशन शक्ति के उद्देश्यों को सशक्त बनाती है। जब बेटियां प्रशासनिक कार्यों को करीब से समझेंगी, तो वे भविष्य में समाज सुधार की दिशा में बड़ी भूमिका निभा सकेंगी।”

इस मौके पर सहायक विकास अधिकारी (पं.) राजीव दूबे, ग्राम पंचायत सचिव रोशन सिंह, रामपाल, चैतन्य त्रिपाठी, सतीश चंद यादव, शिवेंद्र पाल सिंह, लोकनाथ, कमलेश शाह, कुंदन यादव, स्वच्छ भारत मिशन ब्लॉक कंसल्टेंट अतुल कुमार सिंह, टेक्निकल असिस्टेंट नरेंद्र सिंह, गोविंद शुक्ला, विश्वनाथ चौरसिया सहित अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।

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स्थानीय शिक्षकों और ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “एक दिन की बीडीओ” जैसी पहलें समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने का सशक्त माध्यम हैं। इस कदम ने यह साबित कर दिया कि बेटियां अगर मौका पाएँ, तो किसी भी क्षेत्र में अपनी क्षमता का लोहा मनवा सकती हैं।

यह आयोजन नारी शक्ति के सम्मान, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व की दिशा में खजनी प्रशासन का ऐतिहासिक कदम साबित हुआ।

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