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वाराणसी

कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा द्वारा प्रधानमंत्री को दुपट्टा ओढ़ाकर किया गया स्वागत अभिनंदन

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय का कुशल क्षेम जानना चाहा– कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा.

भारतीय संस्कृति में अतिथि सत्कार को ‘अतिथि यज्ञ’ कहा गया– कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा.

वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने विश्वविद्यालय के परम्परानुसार परिसर (क्रीड़ा मैदान) में आयोजित कार्यक्रम में देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी के आगमन पर दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत और अभिनंदन किया.
द्वार पर आए अतिथि का यथा-योग्य स्वागत-सत्कार करना हमारा कर्तव्य और धर्म–

कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि उपनिषद् वाक्य अतिथिदेवो भव का अर्थ है-अतिथि देवस्वरूप होता है। उसकी सेवा देव पूजा कहलाती है। अतिथि सत्कार से बढ़कर दूसरा कोई महान धर्म नहीं है, अतिथि से महान कोई देवता नहीं है। द्वार पर आए अतिथि का यथा-योग्य स्वागत-सत्कार करना हमारी परंपरा में कर्तव्य ही नहीं धर्म माना गया है।
भारतीय संस्कृति में अतिथि सत्कार को ‘अतिथि यज्ञ’ कहा गया है।
माननीय प्रधानमन्त्री जी विश्वविद्यालय के उत्कर्ष और गतिविधियों का हाल जाना–

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कुलपति प्रो शर्मा ने बताया कि प्रधानमन्त्री मोदी ने उस दौरान विश्वविद्यालय के गतिविधियों और उत्कर्ष के साथ कुशल क्षेम के बारे में जानना चाहे,जिसके संबंध में मेरे द्वारा बताया गया.

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