गाजीपुर
कुख्यात शार्प शूटर मुठभेड़ में गिरफ्तार

नन्दगंज (गाजीपुर)। जनपद के नन्दगंज थाना क्षेत्र के सिहोरी गांव निवासी कुख्यात शार्प शूटर और गैंगस्टर विशाल पासी को चन्दौली पुलिस ने एक हाफ एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी से जनपद की पुलिस और आम जनता ने राहत की सांस ली है। वह धीरे-धीरे आतंक का पर्याय बन चुका था। लोगों का कहना है कि उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत कोई नहीं करता था। उसके अपराधों में गांव के कुछ लोगों और परिवारजनों का भी पूरा सहयोग रहा।
दिन-प्रतिदिन अपना रुतबा बढ़ाने, गलत संगति और दबंग बनने की प्रवृत्ति के चलते विशाल एक कुख्यात अपराधी बन गया। बताया जाता है कि उसके खिलाफ पहला मुकदमा 1999 में गाजीपुर के नन्दगंज थाने में दर्ज हुआ था। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में भी संलिप्त हो गया।
वर्ष 2002 में उसने अपने साथियों संग बरठी गांव निवासी राम प्रसाद बिंद की हत्या कर दी थी, जिसमें उसे उम्रकैद की सजा हुई। बाद में उच्च न्यायालय से जमानत पर बाहर आकर उसने गवई राजनीति में कदम रखा और सिहोरी गांव से प्रधानी का चुनाव लड़ा। पहली बार हार मिलने के बाद दूसरी बार उसने गोलबंदी कर चुनाव जीत लिया। लेकिन ग्राम प्रधान बनने के बाद भी उसकी दबंगई जारी रही। उसने गांव में गैंग बनाकर उन लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया जो उसका विरोध करते थे। विरोधियों को किसी न किसी झूठे मुकदमे में फँसाने या आपसी रंजिश भड़काने की उसकी प्रवृत्ति चर्चा का विषय रही। ज़रूरत पड़ने पर वह हत्या करने या करवाने से भी नहीं चूका।
2007 में उसके सहयोगी प्रवीण राय उर्फ रिंकू ने अपने पट्टीदार चाचा मनोज राय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में विशाल पासी को भी अभियुक्त बनाया गया था, लेकिन जांच में वह बरी हो गया। इसके बाद वह और उसकी पत्नी विमली देवी दो बार ग्राम प्रधान रहे।
2017 में उसने अपने ही पुराने समर्थक और आर्मी से सेवानिवृत्त शशिकांत राय की दिनदहाड़े हत्या कर दी, क्योंकि शशिकांत ने उसके गलत कार्यों का विरोध किया था। इस मामले में वह लगभग 5 वर्ष जेल में रहा और जनवरी 2024 में उच्च न्यायालय से जमानत पर छूटा।
जमानत के एक महीने के भीतर ही उसने अमलधारी यादव की हत्या कर दी, जो विमली देवी के प्रधानी चुनाव में विरोधी थे। इस हत्या के बाद पुलिस ने उसकी तलाश में ज़ोर लगाना शुरू किया। उसके घर की कुर्की की गई, और गाजीपुर पुलिस अधीक्षक ने उस पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित कर दिया। लेकिन वह न तो पुलिस के हाथ आया और न ही न्यायालय में समर्पण किया।
1 मई को उसने चंदौली जनपद के धानापुर थाना क्षेत्र के रायपुर निवासी राजकुमार यादव उर्फ मुटुन यादव की भी हत्या कर दी। इसके बाद चंदौली पुलिस भी सक्रिय हो गई और वहां के पुलिस अधीक्षक ने भी 25,000 का इनाम घोषित किया। इस प्रकार कुल इनाम 50,000 रुपये हो गया।
आखिरकार, बीती रात को चंदौली जनपद के चकिया थाना क्षेत्र के मुराहूपुर तिराहे पर पुलिस ने हाफ एनकाउंटर में उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान उसके पैर में गोली लगी और वर्तमान में उसका इलाज पुलिस संरक्षण में जिला अस्पताल में चल रहा है।
बताया जाता है कि विशाल पासी का पूरा परिवार आपराधिक प्रवृत्ति वाला है। उसके पिता लालचंद पासी को त्रिवेणी राय की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी है और वे फिलहाल जमानत पर हैं। विशाल का पुत्र सतपाल पासी बनारस में एक बैंक मैनेजर की हत्या में, दूसरा पुत्र धर्मपाल पासी तथा पत्नी विमली देवी अमलधारी यादव की हत्या में वांछित हैं। तीनों वर्तमान में उच्च न्यायालय से जमानत पर बाहर हैं।
पुलिस के अनुसार विशाल पासी के विरुद्ध गाजीपुर और चंदौली में कुल 26 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, छिनैती, गैंगस्टर एक्ट, जिला बदर आदि शामिल हैं। अकेले नन्दगंज थाने में उसके विरुद्ध 24 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 3 हत्या, 4 गैंगस्टर, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट और 7 सीएलए एक्ट की धाराएं प्रमुख हैं। वहीं चंदौली जिले में उसके खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हैं एक धानापुर व एक चकिया में।