वाराणसी
“काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव” की सभी तैयारियां निर्धारित कार्यक्रम एवं तिथियों के अनुसार समय से पूर्ण कर ली जाए-जिलाधिकारी
इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी-एस. राजलिंगम
जिलाधिकारी ने “काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव” कार्यक्रम के तैयारियों की समीक्षा कर अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश
16 अगस्त से 18 सितंबर तक जनपद में आयोजित होगी “काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव”
चिन्हित विधाओं के साथ ही उपविधाओ को भी चिन्हित किया जाय-जिलाधिकारी
प्रतिभागियों के पंजीकरण के साथ ही उनका प्रशिक्षण कार्यक्रम युद्धस्तर पर कराया जाय-एस. राजलिंगम
वाराणसी। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने आगामी 16 अगस्त से 18 सितंबर तक एक माह तक जनपद में आयोजित होने वाले "काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव" कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों के पंजीकरण के साथ ही उनका प्रशिक्षण कार्यक्रम युद्धस्तर पर कराये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने वाद्य यंत्रों व साउंड सिस्टम आदि की व्यवस्था प्राथमिकता पर कराये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने चिन्हित विधाओं के साथ ही उपविधाओ को भी चिन्हित किये जाने पर जोर दिया।
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम सोमवार को ने आगामी 16 अगस्त से 18 सितंबर तके एक माह तक जनपद में आयोजित होने वाले "काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव" कार्यक्रम के तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने kashisanskritikm ahotsav.in वेबसाइट पर प्रतिभागियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराये जाने पर जोर दिया। 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग में अब तक के पंजीयन की संख्या अपेक्षाकृत कम होने पर नाराजगी जतायी। उन्होंने चोलापुर व आदमपुर जोन की प्रगति सुधारने का निर्देश दिया। आदमपुर जॉन के अधिकारी को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र के स्कूलों से संपर्क कर, वार्डवार बैठक कर, नागरिक सुरक्षा संगठन के लोगों से वार्ता कर प्रतिभागियों की अधिक बढ़ाए जाने के कड़े निर्देश दिए। जनपद के सभी विश्वविद्यालय अधिक से अधिक प्रतिभागियों का चिन्हीकरण कर पंजीकरण कराए जाने तथा विधाओं में प्रशिक्षण दिलाए जाने का कार्य शीघ्र शुरू कराए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के निर्धारित कार्यक्रम एवं तिथियों के अनुसार समस्त तैयारियां समय से पूर्ण कर ली जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महोत्सव के अंतर्गत विधावार प्रतिभागियों की सूची बनाने तथा विधावार प्रशिक्षण देने वालों का चयन कर प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिलाने का कार्य तत्काल शुरू कराया जाए। प्रत्येक कार्यक्रम के लिए ज्यूरी टीम का भी चयन कर लिया जाए। प्रत्येक स्तर के कार्यक्रम के लिए आयोजन स्थलों का चयन कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करा ली जाए। उन्होंने कहा कि काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव को केवल स्कूलों/कालेजों तक ही सीमित न रखा जाए। समाज के सभी वर्गों, विभागों, संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित कराए जाने पर विशेष जोर दिया। विशेषकर कमजोर वर्गों, स्लम क्षेत्रों, वंचित वर्गों की समुचित भागीदारी सुनिश्चित कराए जाने पर विशेष जोर दिया।
बताते चलें कि काशी प्रधानमंत्री जी का संसदीय क्षेत्र है, उनका मार्ग निर्देश रहता है कि यहां पर कुछ नया होता रहे। उन्हीं के मार्गदर्शन में "सांसद काशी सांस्कृतिक महोत्सव" का आयोजन 16 अगस्त से 18 सितंबर तक लगभग 1 माह किया जा रहा है। बहुत से ऐसे टैलेंटी बच्चे हैं, जो अपने टैलेंट का प्रदर्शन नहीं कर पाते और उचित मंच न मिलने के कारण एक क्षेत्र तक सीमित रह जाते हैं। ऐसे बच्चों एवं लोगों को मंच देने के लिए प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में "सांसद काशी सांस्कृतिक महोत्सव" का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रतिभाग किए जाने हेतु प्रतिभागियों की 10 वर्ष आयु वर्ग से ऊपर की तीन श्रेणियां बनाई गई है। कार्यक्रम में प्रतिभाग किए जाने हेतु दो विकल्प हैं। जिसमें से प्रतिभाग करने हेतु "काशी सांस्कृतिक महोत्सव डॉट इन" पर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा तथा दूसरा विद्यालयों एवं कालेजों पढ़ने वाले बच्चों का रजिस्ट्रेशन के लिए वहाँ टीचरों को इसके लिए नोडल बनाया गया हैं। कार्यक्रम में प्रतिभाग किए जाने हेतु बाहर के लोग भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सभी बच्चों को सर्टिफिकेट भी मिलेगा। जो वेबसाइट पर जनरेट हो जायेगा। काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव में प्रस्तावित विधाओ में "गायन" अंतर्गत शास्त्रीय गायन में ख्याल और ध्रुपद, उपशास्त्रीय गायन में ठुमरी, दादरा, चैती, झूला, होरी, टप्पा, लोक गायन में कजरी, चैती, होरी, झूला, बिरहा, हिमालयी लोकगीत सहित अन्य प्रकार व सुगम संगीत में गीत, ग़ज़ल, भजन, देशभक्ति गीत आदि हैं। "वादन" में स्वर वाद्य अंतर्गत सितार, वायलिन, बांसुरी, शहनाई, गिटार, सारंगी, हारमोनियम, ताल वाद्य में तबला, पखावज, मृदंगम, घटम्, लोक वाद्य में दफ़ला, नगाड़ा, दुक्कड़, ढोल, ढोलक, नाल, ताशा तथा "नृत्य" में शास्त्रीय नृत्य अंतर्गत कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, लोकनृत्य में प्रचलित स्थानीय और हिमालयी लोकनृत्य व जनजातीय नृत्य में वाराणसी और आस-पास के जनजातीय नृत्य प्रमुख है। कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में 16 से 27 अगस्त तक न्याय पंचायत स्तर पर होने वाले कार्यक्रम के लिए अधिक से अधिक प्रतिभागियों को चिन्हित किए जाने का निर्देश दिया। "काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव" के अंतर्गत प्रथम चरण में 16 से 27 अगस्त तक न्याय पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिसमें 16 से 18 अगस्त तक अराजीलाइन व बड़ागांव, 19 से 21 अगस्त तक चिरईगांव व चोलापुर, 22 से 24 अगस्त तक हरहुआ व काशीविद्यापीठ तथा 25 से 27 अगस्त पिण्डरा व सेवापुरी विकास खंड के न्याय पंचायतो में गायन, वादन व नृत्य विद्या में कार्यक्रम होंगे। कार्यक्रम के द्वितीय चरण में 28 अगस्त से 11 सितंबर तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में विकासखंड एवं जोन स्तर पर गायन, वादन एवं नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसके तहत 28 से 30 अगस्त तक विकासखंड अराजीलाइन एवं बड़ागांव तथा शहरी क्षेत्र में वरुणापार एवं आदमपुर जोन, 1 से 3 सितंबर तक विकासखंड चिरईगांव एवं चोलापुर तथा शहरी क्षेत्र में कोतवाली जोन, 3 से 6 सितंबर तक विकास खंड हरहुआ एवं काशीविद्यापीठ तथा शहरी क्षेत्र में दशाश्वमेध जोन एवं 8 से 11 सितंबर तक विकासखंड पिण्डरा एवं सेवापुरी तथा शहरी क्षेत्र के भेलूपुर जोन में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। तृतीय चरण में 14 से 16 सितंबर तक कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिसके अंतर्गत 14 सितम्बर को गायन, 15 सितंबर को वादन तथा 16 सितंबर को नृत्य के कार्यक्रम काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन हॉल में आयोजित होंगे। कार्यक्रम के अंतिम चरण में विशिष्ट प्रस्तुतियां 18 सितंबर को होगी। जिसमे प्रतियोगिता के विजेताओं एवं वाराणसी के ख्यातिलब्ध कलाकारों की प्रस्तुतियां होगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित सभी एडीएम, एसडीएम एवं प्रभारी अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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