धर्म-कर्म
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद वाराणसी में स्थित जैन तीर्थंकरों के जन्म स्थली को विकसित करने की मांग उठी
वाराणसी।काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद वाराणसी में स्थित जैन तीर्थंकरों के जन्म स्थल को विकसित करने की मांग उठी है वाराणसी में आयोजित श्री गणेश वर्णी दिगंबर जैन संस्थान द्वारा भारतीय संस्कृति पर भ्रमण परंपरा के राष्ट्रीय संगोष्ठी में विद्वानों ने यह मांग लिया इस आयोजन में देश के विभिन्न विद्वानों ने हिस्सा लिया तीन दिवसीय इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में 16 शोध पत्र भी प्रस्तुत किया गया जिसमें जैन योग, प्रेक्षाध्यान, जैनों में जन सांख्यिकीय परिवर्तन, स्वतंत्रता संग्राम में जैनों का योगदान, जैन विधाओं में विज्ञान, जैन भोजन पद्धति, पर्यावरण संरक्षण आदि विषय शामिल रहे।
इस अवसर पर प्रोफेसर अशोक कुमार जैन ने बताया कि संगोष्ठी के माध्यम से हम युवाओं को खुद से जुड़ना चाहते हैं शिक्षा समाज और देश की आजादी में जैन धर्म का किस प्रकार का योगदान था यह बताने का प्रयास भी इसके जरिए हम कर रहे हैं जैन साहित्य और संस्कृति का विकास आचार्य शहर को काशी चार तीर्थंकरों की जन्मस्थली है जैसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बना है वैसे ही जैन समाज के स्थानों का भी विकास होना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ ज्योति जैन, केशव देव जैन, आर सी जैन, प्रोफेसर अशोक कुमार जैन रुड़की, डॉ सुरेंद्र भारती, प्रोफेसर कमलेश जैन, किशोर कांत गोरवाला, मनीष जैन ,अमित जैन, आदि लोग मौजूद रहे।