वाराणसी
काशी नरेश मिंट हाउस विवाद में बेटियों का दावा खारिज

वाराणसी। काशी नरेश की कैंट स्थित ऐतिहासिक मिंट हाउस (टकसाल) संपत्ति को लेकर लंबे समय से चल रहे उत्तराधिकार विवाद में बड़ा फैसला आया है। कुंवर डॉ. अनंत नारायण सिंह के पावर ऑफ अटॉर्नी अनिल कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता कर बताया कि सदर एसडीएम कोर्ट ने काशी नरेश की तीन बेटियों के दावे को खारिज कर दिया है और कुंवर डॉ. अनंत नारायण सिंह को ही संपत्ति का वैध वारिस घोषित किया है।
अनिल सिंह ने बताया कि बेटियों ने मिंट हाउस संपत्ति में अपना नाम दर्ज कराने के लिए एसडीएम कोर्ट में याचिका दी थी, जिसमें उन्होंने 1969 के एक पारिवारिक समझौते का हवाला दिया था। लेकिन वह दस्तावेज रजिस्टर्ड नहीं था, जिस कारण कोर्ट ने इसे अमान्य मानते हुए दावे को खारिज कर दिया। इससे पहले वर्ष 1952 के एक पुराने बख्शीशनामा का उपयोग कर उन्होंने नायब तहसीलदार शहर सदर के यहां भी दावा पेश किया था, जिसे पहले ही खारिज किया जा चुका था। इसके बाद उन्होंने एसडीएम सदर सुनीता गुप्ता की अदालत में अपील की थी, जिसे अब अंतिम रूप से निरस्त कर दिया गया है।
प्रेसवार्ता में अनिल सिंह ने यह भी कहा कि मिंट हाउस की संपत्ति पर अवैध रूप से एक बस स्टैंड का संचालन हो रहा है, जिसे हटाने के लिए वे जल्द ही नगर आयुक्त और पुलिस आयुक्त से शिकायत करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि सन 2000 में ही तत्कालीन काशी नरेश महाराज विभूति नारायण सिंह ने वसीयतनामा के माध्यम से अपनी सारी संपत्ति अपने पुत्र कुंवर डॉ. अनंत नारायण सिंह के नाम कर दी थी। यही वैधानिक दस्तावेज अब निर्णायक बनकर सामने आया है।