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धर्म-कर्म

कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

वाराणसी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंगलवार को स्नान-दान के लिए काशी के घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। दशाश्वमेध, अस्सी घाट, पंचगंगा घाट समेत अन्य घाटों पर लोगों ने स्नान किया। वहीं पुरोहितों व गरीबों को दान देकर पुण्य के भागी बने। चंद्रग्रहण के बाद शाम को भी घाटों पर स्नान होगा।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इसलिए लोग घाटों पर पहुंचे। श्रद्धालुओं के भोर से ही घाटों पर पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। लोगों ने भागरथी की अविरल धारा में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद विधिविधान से पूजन-अर्चन कर घर-परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। गरीबों और पुरोहितों को श्रद्धानुसार दान भी दिया।
पुरोहित ने बताया कि एक माह का स्नान कार्तिकेय भगवान व पितृ देवता के नाम से होता है। आकाश दीप जलाए जाते हैं। लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार दान कर पुण्य के भागी बनते हैं। अन्न दान का विशेष महत्व है। कहा कि काशी पापनाशी, वरुणा महापाप हरणा। यानी काशी सभी पापों का नाश करती है। वहीं वरूणा महापाप से मुक्ति दिलाती है। इसलिए काशी का महात्म्य तीनों लोकों से भी ऊपर है। गोरखनाथ मठ से आए देवरिया जिले के श्रद्धालु मानिकनाथ ने कहा कि काशी बहुत बड़ा धाम है। यहां स्नान से मोक्ष मिलता है। मन, भाव और विचार अच्छे रहेंगे।

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