चन्दौली
“कांग्रेस की नीतियों ने दिया देश को सबसे बड़ा घाव” : अजीत सिंह

“वोट बैंक की राजनीति से अब भी नहीं बाज आ रही कांग्रेस – अजीत सिंह”
चंदौली। 14 अगस्त 1947 का दिन भारत के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज है। उस समय की सरकार ने भारत-पाकिस्तान का विभाजन कर लाखों भारतीयों की ज़िंदगी को छिन्न-भिन्न कर दिया था। विभाजन में लगभग डेढ़ से दो करोड़ लोगों का पलायन हुआ। 15 से 20 लाख लोगों का कत्लेआम हुआ और लाखों भारतीय अपने ही घरों से बेघर होकर दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हो गए। त्रासदी इतनी भयानक थी कि आज तक इसके निशान भारतीय समाज में मौजूद हैं। उक्त बातें गुरुवार को समाजसेवी व अध्यक्ष हूयमन राइट्स के अजीत सिंह ने कहीं।
श्री सिंह ने कहा कि विभाजन की विशेषता को विगत 15 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मृति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। कांग्रेस शासन द्वारा देश पर थोपा गया विभाजन ने पाकिस्तान जैसे विषैले सांप को जन्म दिया, जो हिंदुस्तान को डसने के लिए प्रयास कर रहा है। 14 अगस्त 1947 को जो हुआ, वह एक राष्ट्रीय त्रासदी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस विभाजन को एक प्रशासनिक निर्णय की तरह प्रस्तुत किया, जैसे दो भाइयों के बीच संपत्ति का बंटवारा हो रहा हो।
1947 के विभाजन के बाद से कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति ने देश को बर्बाद किया और आज भी यही कांग्रेस देश को विभाजन की ओर धकेलने के प्रयास कर रही है। कांग्रेस आज भी देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। यह वही कांग्रेस पार्टी है, जिसने देश के संविधान का गला घोंटा और आपातकाल की आड़ में लोकतंत्र की हत्या की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों ने देश को काफ़ी पीछे धकेल दिया। आज भी कांग्रेस वोट बैंक की ख़ातिर इस प्रकार के कृत्य करने से बाज नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा कि वही कांग्रेस है, जिसने 1984 में सिखों के कत्लेआम को अंजाम दिया और आज भी अपने नेताओं के ग़लत फ़ैसलों का परिणाम भुगतने की जगह, जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस स्मृति दिवस को शुरू कर देशवासियों को यह समझने का अवसर दिया है।