गाजीपुर
कर्मनाशा नदी उफान पर, कई गांव जलमग्न, ग्रामीणों में बना डर का माहौल

जमानियां (गाजीपुर)। उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा पर बहने वाली कर्मनाशा नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि से तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही आसपास के दर्जनों गांवों में अफरा-तफरी और भय का माहौल बना हुआ है।
लगातार बारिश से नदी का बढ़ा जलस्तर
2 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक समतल और पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के चलते बांधों पर भी असर पड़ा है। बांधों से हल्का पानी छोड़े जाने के बाद कर्मनाशा नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी है। बढ़े जलस्तर के कारण कई संपर्क मार्गों पर पानी बह रहा है, जिससे रायपुर से धुस्का, धुस्का से दाऊदपुर जैसे कई नदी किनारे बसे गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से पूरी तरह टूट चुका है।
गांवों और खेतों में तेजी से फैल रहा पानी
पानी गांवों के निचले हिस्सों और खेतों में तेजी से फैलता जा रहा है। खासकर जमानियां तहसील के दक्षिण-पूर्वी तटीय इलाकों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, स्थिति अब सोचने पर मजबूर कर देने वाली हो चुकी है।
फसलों को भारी नुकसान
कुछ दिन पहले आई बाढ़ से ही हजारों एकड़ में लगी धान और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो चुकी थीं। अब दोबारा पानी बढ़ने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों में यह डर बना हुआ है कि कहीं धान की फसल पूरी तरह नष्ट न हो जाए।
प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल
क्षेत्रीय लेखपाल मंतोष सिंह से संपर्क करने के लिए ग्रामीणों ने कई बार फोन किया, परंतु उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। बाद में जमानियां उपजिलाधिकारी से संपर्क करने पर जानकारी मिली कि सुबह में ही बांध का पानी रोका जा चुका है। फिलहाल क्षेत्रीय लेखपाल एवं संबंधित कर्मचारी प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
गायघाट और रायपुर में जलभराव
गायघाट में जयनारायण कुशवाहा और सुभाष कुशवाहा के घरों के पास करीब चार फीट पानी जमा है। वहीं, रायपुर में पूर्व प्रधान स्वर्गीय पुलिस राम, हवलदार राम, सुभाष राम और गुड्डू राम के घरों के आसपास भी पानी भरा हुआ है। सैकड़ों बीघा खेत पानी में डूब चुके हैं। ग्रामीण भयभीत हैं कि धान के पौधों पर लगा दाना पानी में सड़कर नष्ट न हो जाए।