Connect with us

गाजीपुर

कमीशन के चक्कर में मरीज़ों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहें डॉक्टर

Published

on

जमानियां (गाजीपुर)। डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है, मगर कुछ डॉक्टर अपने प्रोफेशन को मात्र पैसे कमाने तक ही सीमित रखते हैं। उन्हें मरीज़ों की ज़िंदगी से कोई लेना-देना नहीं है। जब कोई मरीज़ अपनी बीमारी से जूझते हुए किसी डॉक्टर के पास जाता है, तो डॉक्टर पैसों के लालच में कई तरह की दवाइयाँ लिख देते हैं। नहीं तो वह स्वयं की दुकान से ही दवा देते हैं। कुछ ऐसी दवाइयाँ भी होती हैं जिन पर “नॉट फॉर सेल” लिखा होता है, लेकिन उन्हें भी दाम लगाकर बेच दिया जाता है।

ऐसा ही एक मामला जमानियां के स्थानीय बाज़ार से है, जो सोमवार का है। एक व्यक्ति डॉक्टर आलोक कुमार जायसवाल के पास दवा लेने पहुंचा तो डॉक्टर भड़क गए। मामला यह था कि मरीज़ 2 अगस्त को डॉक्टर आलोक कुमार जायसवाल के पास अपनी तबीयत दिखाने गया था। डॉक्टर ने सूझबूझ से दवा भी दी थी, परन्तु तबीयत में सुधार न होने पर मरीज़ ने अपनी खून की जांच करवा ली, जिसमें प्लेटलेट्स की कमी और टायफाइड-मलेरिया का प्रभाव पाया गया।

जब मरीज़ ने अपनी ब्लड रिपोर्ट डॉक्टर आलोक कुमार जायसवाल को दिखाई, तो डॉक्टर मरीज़ पर भड़क उठे और यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि दवा स्वेच्छा से करवा रहे हो।

यदि यही जांच डॉक्टर के अस्पताल से होती, तो जांच का कमीशन डॉक्टर को मिल जाता, लेकिन जब कमीशन नहीं मिला तो डॉक्टर ने दवा देने से ही इंकार कर दिया।

अगर ऐसे ही डॉक्टर समाज में रहेंगे, तो आए दिन बेसहारा, निर्धन और गरीबों को न तो दवा मिलेगी और न ही कोई सहारा, जिससे उनकी जान भी जा सकती है।

Advertisement

डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है क्योंकि वह मरते हुए लोगों में दोबारा प्राण डालने का काम करते हैं। लेकिन पैसों के लालच में कुछ डॉक्टर अपनी ईमानदारी बेच देते हैं। उनके लिए पैसा ही सब कुछ बन गया है।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page