वाराणसी
कचहरी में वकीलों ने दरोगा-सिपाही को पीटा

वाराणसी कचहरी के गेट नंबर दो पर मंगलवार को वकीलों ने बड़ागांव थाने के दरोगा मिथिलेश प्रजापति और एक सिपाही पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना के दौरान दरोगा की वर्दी फाड़ दी गई और गंभीर चोटों के चलते उन्हें तुरंत ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। इस घटना के बाद कचहरी में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई।
जानकारी के अनुसार, यह विवाद बड़ागांव थाना अंतर्गत ग्राम पुआरी खुर्द के दो पट्टीदारों मोहित कुमार सिंह और प्रेमचंद्र मौर्या के बीच जमीन विवाद से शुरू हुआ था। मोहित पक्ष का आरोप है कि प्रेमचंद्र पक्ष अस्थायी स्थगन आदेश के बावजूद निर्माण कार्य कर रहा था, जबकि प्रेमचंद्र पक्ष का कहना है कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वैध निर्माण कर रहे थे।
28 जून 2025 को इसी विवाद पर बड़ागांव थाने में पहले भी दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे। 13 सितंबर 2025 को समाधान दिवस जनसुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ा और पुलिस ने चालान शांति भंग की धाराओं में न्यायालय भेज दिया। इसी बात को आधार बनाकर दरोगा पर वकीलों ने हमला कर दिया, जिससे हालात और बिगड़ गए।
मौके पर पहुंचे डीएम सत्येंद्र कुमार, डीसीपी काशी जोन प्रमोद कुमार, एडीसीपी क्राइम सर्वणन टी और एडीएम सिरी जालोक वर्मा ने स्थिति का जायजा लिया। वकीलों से कचहरी खाली करने को कहा गया।
अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीणा ने बताया कि घटना में शामिल वकीलों की पहचान के लिए पुलिस सक्रिय है। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग खंगाली जा रही हैं ताकि हमलावरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा सकें।
इस हमले के बाद कचहरी परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। वकीलों के पलायन के बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। घायल दरोगा का इलाज ट्रॉमा सेंटर में गंभीर हालत में जारी है।