अपराध
एसपी के फटकार से खुली अलीनगर थाने की नींद, मुकदमा दर्ज कर दुष्कर्मी की तलाश में जुटी पुलिस टीम

रिपोर्ट - गणपत राय (ब्यूरो चीफ, चंदौली)
चंदौली। पुलिस और अदालत से जनता को हमेशा न्याय की उम्मीद रहती है। कांस्टेबल, दीवान, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर किसी कार्य को ईमानदारी से करने में तब तक सजग नहीं होते जब तक उच्चाधिकारियों से दो-चार बात सुन ना लें। आलाधिकारी पुलिस की छवि को सुधारने का प्रयास कर रहे है लेकिन थाना प्रभारी, एसएचओ हमेशा प्रशासन की लीपापोती कर देते हैं।
ताजा मामला चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र में किशोरी संग दुराचार का है। पीड़िता के परिजन जब थाने गए तो पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बजाय लीपापोती में लग गई। बाद में पीड़ित परिवार एसपी कार्यालय पहुँचा। जहां पुलिस अधीक्षक को पूरी घटना के बाबत जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक के फटकार के बाद अलीनगर थाने की पुलिस की नींद खुली।
जानकारी के अनुसार, अलीनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में रविवार को एक नाबालिग गांव के ही स्टेशनरी की दुकान से कुछ खरीदने गयी। युवती को अकेले देखकर आरोपी प्रदीप पांडेय के अंदर का शैतान जाग गया। दुकानदार ने कहा कि भीतर जाकर खुद सामान उठा ले। किशोरी जैसे ही अंदर गई दुकानदार प्रदीप ने उसे पीछे से ही दबोच लिया और दुष्कर्म किया। इस दौरान किशोरी बेहोश हो गई तो प्रदीप डर गया और उसे घंटो तक कमरे में ही बंद करके रखे रहा। उधर किशोरी के परिजन उसे ढूंढते रहे।
होश में आने के बाद किशोरी ने घर पहुंचकर परिजनों को आपबीती सुनाई। जिसे सुनकर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। परिजन किशोरी को लेकर तुरंत भूपौली चौकी पहुंचे, जहां पुलिस मामले की लीपापोती में जुट गई। दो दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मंगलवार की सुबह अलीनगर थाना आए यहां भी प्रभारी थानाध्यक्ष कार्रवाई की बजाय खानापूर्ति करते रहे।
इस पुलिसिया कार्यप्रणाली से नाराज परिजन सीधे एसपी कार्यालय पहुंचे और घटना की आपबीती बताई। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी थानाध्यक्ष रमेश यादव को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ धारा 65 (1), 351(2), 351 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई में जुटी है। फिलहाल पुलिस आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।