वाराणसी
एनडीआरएफ, ज़िला प्रशासन एवं अन्य हितधारकों के साथ : बाढ़ पूर्व तैयारी हेतु राज्य स्तरीय सयुंक्त मॉक अभ्यास
वाराणसी। बाढ़ के दौरान होने वाली अप्रिय घटनाओं को रोकने व बचाव को लेकर मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरीक्षक के दिशा-निर्देशन में एनडीआरएफ तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, वाराणसी, पुलिस, पी.ए.सी., स्वास्थय विभाग, नगर निगम, पूर्ति विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग एवं अन्य हितधारकों के साथ नमोघाट, गंगा नदी, वाराणसी पर राज्य स्तरीय सयुंक्त मॉक अभ्यास किया गया।
इस मॉक अभ्यास के दौरान नमो घाट के दुसरी ओर से आ रही एक नाव का गंगा नदी के बीच मे अनियंत्रित होने का परिदृश्य का प्रदर्शन किया गया। तदनुसार, ईओसी को घटना के बारे में सूचित किया गया, आगे एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष और सभी संबंधित हितधारकों को आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए सूचित किया गया। सुचना मिलते ही प्रेम कुमार पासवान, उप कमांडेट की अगुवाई में एनडीआरएफ टीम को सभी अत्याधुनिक राहत-बचाव उपकरणों के साथ घटना स्थल पर रवाना किया गाया। घटना स्थल पर पहुँच कर टीम ने स्थानीय प्रशासन से घटना की सम्पूर्ण जानकारी लेकर त्वरित कार्यवाही करते हुए अपने रेस्क्यू मोटर बोट एवं वाटर एम्बुलेन्स के माध्यम से गंगा नदी के नमो घाट पर बचाव अभियान शुरू कर दिया। बचाव दल लाइफ बॉय, लाइफ जैकेट और डीप डाइवर्स की मदद से जीवन रक्षक कौशल का प्रदर्शन करते हुये अनियंत्रित हुये नाव के सभी पीड़ितों को एनडीआरएफ मोटर बोट पर सुरक्षित कर सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। एनडीआरएफ टीम द्वारा सभी पीड़ितों को अस्पताल पूर्व उपचार देने के बाद स्वास्थय विभाग के एम्बुलेन्ल से स्थानीय पुलिस द्वारा उपलब्ध कराये गये ग्रीन कॉरिडोर के रास्ते अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह पूरा मॉक अभ्यास इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम के दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजित किया गया था।









मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरीक्षक ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य में बाढ़ आपदा प्रमुख आपदाओं में से एक है। आज के बाढ़ आपदा पर आधारित राज्य स्तरीय संयुक्त मॉक अभ्यास मे एनडीआरएफ टीमों ने वाराणसी सहित बलिया, गोरखपुर, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, अलीगढ़ एवं बहराइच में भाग लिया है। मॉक अभ्यास का उद्देश्य सभी हितधारकों के बीच में समन्वय बनाना, उपचारात्मक उपाय करना, संसाधनों की दक्षता का जांच करना एवं बाढ़ कि प्रतिकूल परिस्थितियों में राहत बचाव कार्यवाही को परखना है, जिससे कि बाढ़ आपदा के दौरान त्वरित कार्यवाही करते हुए मानव जीवन को बचाया जा सके। एनडीआरएफ की टीमें प्रदेश के बाढ़ संभावित जिलों में तैनात है एवं जरूरत के अनुसार आगे अन्य क्षेत्रों मे भी तैनाती की जाएगी।
