मुम्बई
एजाज खान के इंस्टा पर 56 लाख फॉलोअर्स, वोट मिले सिर्फ 155

हार के बाद ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। अभी तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 132 सीटों पर जीत चुकी है। 57 सीटों पर शिवसेना ने जीत हासिल की है। 41 सीटों पर अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने जीत दर्ज करके तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। महाविकास अघाड़ी को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है। कांग्रेस 16, शिवसेना (यूबीटी) 20 और एनसीपी (एसपी) 10 सीटों पर जीती है।
महाराष्ट्र का वर्सोवा विधानसभा सीट इस बार काफी चर्चा में रहा। यहाँ से बॉलीवुड के फ्लॉप अभिनेता में शुमार एजाज खान चुनावी मैदान में उतरे थे। इस सीट पर कुल 16 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। लेकिन जीत सिर्फ शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे गुट) के हारून खान को मिली है।
एजाज खान वर्सोवा विधानसभा सीट हारे
इंस्टाग्राम पर 5.6 मिलियन से अधिक और फेसबुक पर 4.1 मिलीयन फॉलोअर्स वाले एजाज खान सिर्फ 155 वोट ही हासिल कर सके। ये आंकड़ा नोटा से भी बहुत ज्यादा पीछे है। उन्होंने नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) की ओर से चुनाव लड़ा था।

अब हार के बाद उन्होंने ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा है। हार के बाद अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, “ईवीएम का खेल है सब..जो सालों से लड़ रहे हैं और पॉलिटिक्स में हैं, बड़ी पार्टी और बड़ा नाम हैं, वो उम्मीदवार भी चुनाव हार रहे हैं या फिर बहुत कम वोट लाए हैं। मैं तो सोशल वर्कर हूं जो लोगों की आवाज बनने की कोशिश करता हूं और कोशिश करता रहूंगा।”
सोशल मीडिया पर एजाज खान ने किया लंबा-चौड़ा पोस्ट
मेरा सियासत में आने का मकसद ही कुछ और था और रहेगा। मेरा मकसद है, फिरकापरस्ती को खत्म करना और हर मजलूम की आवाज़ बनना।
अक्सर जब इंसान किसी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा बनता है, तो उसे पार्टी के अध्यक्ष और हाई कमांड के अनुसार चलना पड़ता है। किसी हादसे या मुद्दे पर अगर हाई कमांड कहे तो मीडिया के सामने आना पड़ता है, और अगर हाई कमांड कहे कि चुप रहो, तो आपको चुप रह जाना पड़ता है, चाहे आपका दिल ना माने। आपको अपनी ज़ुबान बंद रखनी पड़ती है।
ऐसी जिल्लत भरी सियासत और ऐसा ज़लील नेता मैं कभी नहीं बन सकता। मैं एजाज़ खान हूं और एजाज़ खान ही रहना चाहता हूं।
वर्सोवा में मेरी हार पर खुशी मनाने और मज़ाक उड़ाने वाले लोग असल में खुद का मज़ाक बना रहे हैं। आपने करोड़ों रुपये खर्च किए। आपकी पार्टी का पूरा कैडर आपके साथ था। पार्टी के नाम पर बड़े-बड़े बिज़नेसमैन फंडिंग कर रहे थे। पार्टी ने आपकी मदद के लिए सब कुछ किया। फिर आप हार क्यों गए? और वो भी इतनी बुरी तरह से?
इसका कारण यह है कि जिन लोगों को काम दिया गया, उन्होंने वही किया जो उनका असली मकसद था। वोट काटने आए, पैसा लिया और वोट काटकर विपक्ष को जिता दिया।
वर्सोवा विधानसभा क्षेत्र के वोटिंग पर गौर से नज़र डालो, सब समझ आ जाएगा कि किसने किसको जिताने के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा किया था।
आखिर में मैं यही कहूंगा कि तुम्हारी जीत से ज़्यादा चर्चा मेरी हार की हो रही है। यक़ीन न आए तो ट्विटर के ट्रेंड देख लेना।
प्यार है मेरे दोस्तों।