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एक जुलाई से लागू हुआ नया आपराधिक कानून, बदल गई धाराएं

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अब गिरफ्तार होने वाले अपराधी के फिंगरप्रिंट डाटाबेस में दर्ज किए जाएंगे

आईपीसी-सीआरपीसी की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होंगे

रिपोर्ट – सुभाष चंद्र सिंह

नई दिल्ली। देश में आज से तीन नए कानून प्रभावी हो गए हैं। अब 1 जुलाई यानी कि आज से थानों में पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। आम नागरिकों को नए कानून के बारे में इस पाठशाला के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। थाना की तरफ से आम नागरिकों को एक बुक भी दिया जाएगा जिसमें कानून से संबंधित सारी जानकारी होगी।

नए क्रिमिनल कानूनों में महिलाओं, बच्चों और जानवरों से जुड़ी हिंसा के कानूनों को सख्त किया गया है। इसके अलावा कई प्रोसीजरल बदलाव भी हुए है, जैसे अब घर बैठे e-FIR दर्ज करा सकते हैं। अब मर्डर करने पर धारा 302 नहीं, 101 लगेगी। धोखाधड़ी के लिए लगने वाली धारा 420 अब 318 हो गई है। रेप की धारा 375 नहीं, अब 63 है। शादीशुदा महिला को फुसलाना अब अपराध है, जबकि जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध अब अपराध की कैटेगरी में नहीं आएगा। गिरफ्तार होने वाले अपराधी के फिंगरप्रिंट डाटाबेस में दर्ज किए जाएंगे।

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इसके साथ ही ब्रिटिश शासनकाल से प्रभावी रही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएंगे।

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