वाराणसी
*उच्च कोटि के जनसेवक और सच कहने का साहस रखने वाले बनारसी अंदाज के बेबाक राजनेता थे स्वर्गीय पंडित लोकपति त्रिपाठी*
- वाराणसी 14 , मई, । स्वर्गीय पंडित लोकपति त्रिपाठी सच्ची जन सेवा को ही असली राजनिति मानते थे और सच को रखने का बेबाक और साहसिक नैतिक बल रखते थे ।
उक्त विचार आज ईंगलिसियालाईन में पंडित कमलापति त्रीपाठी फाउंडेशन कार्यालय में *स्वर्गीय लोकपति त्रिपाठी जी की 96 वीं जयन्ती * पर आयोजित विचार गोष्ठी में ब्यक्त किया गया ।
वक्ताओं ने उनके ब्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि उन्हों ने
उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई, स्वास्थ्य,जेल , खेल, न्याय मंत्री के रूप में प्रदेश मे विकाश का एक ऐसा नया आयाम स्थापित किया जिसने पूर्वी उत्तर प्रदेश खास कर मिर्जापुर जैसे दुर्गम क्षेत्र की तस्वीर को बदल कर रख दिया जहां वे आज भी अपने यशस्वी पिता* पूज्य पंडित कमलापति त्रिपाठी जी* की ही तरह विकास पुरुष के रूप में पूजित हैं ।
अपने जीवन काल में उन्हों काग्रेस संगठन की भी अमूल्य सेवा किया जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष से लेकर आल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य तक के सफर में वे एक सच्चे और बेबाक राजनेता के रूप में प्रतिष्ठित रहे । वे शिर्ष नेतृत्व से जमीनी सच्चाई और कार्यकर्ताओं की भावनाओं के बारे में खुल कर बात करते थे, जिसका उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ता था, पर वे सन्त कबीर की तरह आजीवन सच को दृढ़ता के साथ ही लोगों के समक्ष रखने के लिये विख्यात रहे । अपने कार्यकर्ताओं पर वे पितृत्व स्नेह लुटाते थे जिसमें सार्वजनिक जीवन की कई सीख भी छिपी होती थी ।
राजनिति के साथ उन्हों ने खेलों की दुनियां को भी अपनी अमूल्य सेवायें दिया उन्हों ने *आल इन्डिया हाकी फेडरेशन के उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष, *और विभिन्न खेल संगठनों के संरक्षक के रूप में भी में उल्लेखनीय कार्य किया । खेलों के साथ साथ काशी की कई सांस्कृतिक संस्थाओं के संरक्षक के रूप में भी वे बनारसी भाव से हमेशा अपना योगदान दिया करते थे । कुल मिला वे सार्वजनिक जीवन के के प्रकाश पुरूष थे, उनके जैसा जन नेता मिलना आज के समय दुर्लभ है, उनका ब्यक्तित्व और कृतित्व सार्वजनिक जीवन जीने वाले लोगों का सदैव मार्ग दर्शन करता रहेगा ।उनकी पावन स्मृतियों को कोटि कोटि नमन।
प्रारम्भ में पंडित लोकपति जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रध्दा सुमन अर्पित किया गया।
पंडित लोकपति जी के ब्यक्तित्व और कृतित्व पर आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता श्री विजयशंकर पान्डेय ने और संचालन बैजनाथ सिंह ने किया ।
विचार गोष्ठी में पंडित जी के सुपुत्र पंडित राजेश पति त्रिपाठी पुत्री सुश्री अंजलि त्रिपाठी, प्रपौत्र पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी, सहित एडवोकेट राधे लाल , राधेश्याम सिंह, भूपेन्द्र प्रताप सिंह, डॉक्टर प्रेम शंकर पान्डेय,एडवोकेट प्रभूनाथ पान्डेय,आनन्द मिश्रा, आनन्द सिंह , हरेन्द्र शुक्ला, संजय तिवारी, ब्रम्हदेव मिश्र, मनोज चौबे,ज्वाला मिश्रा, अशोक कुमार पान्डेय, वैभव त्रिपाठी , निशांत ओझा, पुनीत मिश्रा, राजेन्द्र सिंह, महेंद्र चौहान,उदय सिंह, राकेश पाठक, मोहम्मद अरशद, सतीश मिश्रा अन्जान, अवधेश जायसवाल, कमलाकान्त पान्डेय,एडवोकेट दूबे और पंकज मिश्रा , शुभम राय,समीर अली, आकाश सेठ, पिन्टू शेख,अमूल्य यादव ,युवराज पान्डेय, गौरव पान्डेय, आदि लोगों ने श्रध्दा सुमन अर्पित किया।
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