चन्दौली
ईद का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, प्रशासन रहा मुस्तैद

सकलडीहा (चंदौली)। तहसील क्षेत्र के कस्बों और गांवों में पवित्र पर्व ईद हर्षोल्लास और शांतिपूर्वक माहौल में मनाया गया। विभिन्न ईदगाहों और मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की विशेष नमाज अदा की और एक-दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दी। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा और सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
ईदगाह में इमाम मोहम्मद ने ईद की नमाज अदा कराई और इस्लाम धर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रमजान के पूरे महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान के महीने को विशेष रूप से पवित्र माना जाता है क्योंकि इसी महीने में आसमानी किताब ‘कुरान’ का अवतरण हुआ था। इस्लाम धर्म के अनुसार, हजरत मोहम्मद साहब ने इस्लाम का प्रचार-प्रसार किया और पूरी दुनिया में इसका संदेश फैलाया।
ईद की विशेष परंपराएं ईद का त्यौहार 30 दिनों के रोजे के बाद मनाया जाता है। इस दिन सुबह स्नान कर, नए वस्त्र धारण कर और खजूर तथा सेवई खाकर ईदगाह में नमाज अदा करने की परंपरा है। नमाज के बाद सभी एक-दूसरे को गले मिलते हैं और बधाई देते हैं। विशेष रूप से बच्चों को ‘ईदी’ दी जाती है, जिससे वे अत्यंत खुश होते हैं। इस मौके पर हर घर में विशेष पकवान, जैसे सेवई, खीर और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं।
सामाजिक समरसता की झलक ईदगाह और मस्जिदों से लौटने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग अपने हिंदू भाइयों और अन्य धर्मों के लोगों को भी ईद की मुबारकबाद देते देखे गए। कस्बों और गांवों में जगह-जगह लोगों ने अपने परिचितों और रिश्तेदारों को घर बुलाकर सेवई और मिठाइयों से उनका स्वागत किया।
प्रशासन ने संभाली कमान ईद के मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। प्रमुख ईदगाहों और मस्जिदों के पास सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने खुद मौके पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और त्योहार को शांतिपूर्वक संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई। कुल मिलाकर, तहसील क्षेत्र के कस्बों और गांवों में ईद का यह पावन पर्व आपसी सौहार्द और उल्लास के साथ मनाया गया।