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वाराणसी

आत्महत्या कभी किसी समस्या का समाधान नहीं : एसीपी प्रज्ञा पाठक

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वाराणसी। श्री अग्रसेन कन्या पी.जी. कॉलेज में मनोविज्ञान एवं समाजशास्त्र विभाग तथा आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में “विश्व आत्महत्या निवारण दिवस” पर विशेषज्ञों और छात्राओं के बीच समूह चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती और महाराज श्री अग्रसेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई।

इस अवसर पर मुख्य पैनल विशेषज्ञ के रूप में एसीपी प्रज्ञा पाठक, प्रो. रीता सिंह (प्राचार्य एमएमवी, बीएचयू), डॉ. मुकेश पंथ (एसोसिएट प्रोफेसर, एमजीकेवीपी), तथा वरिष्ठ अधिवक्ता रितु श्रीवास्तव मौजूद रहीं।कॉलेज के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली में आत्महत्या एक गंभीर विषय बन चुका है, जिस पर संवाद और विमर्श जरूरी है।

प्राचार्य प्रो. मिथिलेश सिंह ने बताया कि 15 से 29 वर्ष के युवाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है, इसलिए आवश्यक है कि समस्याओं को किसी विश्वसनीय व्यक्ति से साझा किया जाए। मुख्य वक्ता एसीपी प्रज्ञा पाठक ने कहा कि जीवन अनमोल है, कठिन परिस्थितियों में भी आशा का दामन नहीं छोड़ना चाहिए और सकारात्मक प्रयासों से आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि आत्महत्या कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकती।

प्रो. रीता सिंह ने कहा कि युवाओं को संवाद, सामाजिक सहयोग और जागरूकता के जरिए इस प्रवृत्ति से बाहर लाया जा सकता है। छात्राओं ने विशेषज्ञों से आत्महत्या के कारणों और निवारण के उपायों पर प्रश्न पूछे जिनका समाधान मनोवैज्ञानिक और विधिक दृष्टिकोण से किया गया।

कार्यक्रम में आत्महत्या निवारण विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता भी हुई, जिसमें प्रथम स्थान सलोनी गोंड, द्वितीय जिज्ञासा एवं प्रज्ञा सेठ और तृतीय नोया वर्मा ने प्राप्त किया।

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संचालन प्रो. आभा सक्सेना ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. कुमुद सिंह ने प्रस्तुत किया।इस अवसर पर प्रबंधक डॉ. मधु अग्रवाल, डॉ. वेणु वनिता, डॉ. आराधना श्रीवास्तव, डॉ. नंदिनी पटेल, डॉ. श्रृंखला, डॉ. बंदिनी, श्रीमती शोभा प्रजापति, डॉ. पूजा राय सहित अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्राएं मौजूद रहीं।

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