वाराणसी
अस्सी से राजघाट तक गंगा निर्मलीकरण के लिए जागरूकता
वाराणसी| हम बरसों से गंगा के किनारे रह रहे हैं । गंगा के किनारे पर खेल-कूद कर हमने अपना बचपन बिताया होगा । गंगा में आप और हम खूब नहाए भी होंगे । गंगा किनारे का एक – एक पत्थर, हर एक हिस्सा हमारा जाना – पहचाना होगा । गंगा की एक – एक लहर का अर्थ आप खूब समझते होंगे । लाउडस्पीकर से जागरूक करते हुए नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि यही वह नदी है जिसने आपकी प्यास बुझाई है । हमारे खेतों को सींचा है । हमारे पशुओं को पानी पिलाया है । जेठ की तपती दोपहरी में इसके पानी ने आपको राहत दी है । हर दुःख – सुख में गंगा ने हमारा साथ दिया है । माँ की तरह हमको दुलारती है । पर आपने – हमने कभी सोचा कि गंगा माँ के प्यार दुलार के बदले हमने उसे क्या दिया ? यह ठीक है कि माँ अपने प्यार दुलार के बदले में कुछ भी नहीं चाहती । पर बेटे / बेटी के रूप में हमारा कुछ फर्ज तो है ही ! क्या उसे भी हम भूल जाएँ ? घाट – घाट पर नागरिकों से विनम्र अनुरोध किया कि गंगा के लिए दूसरों को क्या करना चाहिए, हम यह न सोचें ! इससे हमारा समय ही बरबाद होता है ! हम स्वयं जो कर सकते हैं , वह करें ।