राष्ट्रीय
अमिताभ बच्चन ने परिवार का ‘पहला घर’ बेचा

नई दिल्ली: बॉलीवुड के स्टार महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी दिल्ली वाली प्रॉपर्टी बेच दी है। बताया जा रहा है कि यह प्रॉपर्टी महानगर में बच्चन परिवार का पहला ‘घर’ हुआ करता था, जिसे उनके माता-पिता ने ही बनाया था। बॉलीवुड से जुड़ने से पहले अमिताभ भी वहीं रहा करते थे। खास बात ये है कि जिन्होंने बच्चन परिवार का घर खरीदा है, वह भी उनके पड़ोसी ही हैं और दोनों परिवार दशकों से एक-दूसरे को जानता है। बच्चन परिवार का यह घर दक्षिणी दिल्ली के पॉश माने जाने वाले गुलमोहर पार्क में स्थित है और बंगले का नाम ‘सोपान’ है, जिससे इस परिवार की साहित्यिक विरासत की झलक मिलती है।
बॉलीवुड के अभिनेता अमिताभ बच्चन के मुंबई स्थित ‘प्रतीक्षा’ और ‘जलसा’ नाम की प्रॉपर्टी से तो उनके करोड़ों फैंस वाकिफ हैं। लेकिन, राजधानी दिल्ली में उनकी मां तेजी बच्चन के नाम पर भी एक बंगला था, जो अब बच्चन परिवार का नहीं रह गया है। दक्षिणी दिल्ली के गुलमोहर पार्क स्थित इस बंगले को जिसे महानगर में बच्चन परिवार का ‘पहला घर’ बताया जा रहा है, वह करीब 23 करोड़ रुपये में बिक गया है। इस डील के बारे में जानकारी रखने वाले के हवाले से ईटी ने यह खबर प्रकाशित की है। ‘सोपान’ नाम के इस बंगले में पहले उनके माता-पिता, तेजी बच्चन और हरिवंश राय बच्चन अपने बच्चों अमिताभ और अजिताभ बच्चन के साथ रहा करते थे।
बच्चन परिवार के बंगलों के नामों में हिंदी साहित्य की झलक दिखती है और गुलमोहर पार्क का जो बंगला बच्चन परिवार ने बेचा है, वह भी इससे अलग नहीं है। यह भी ‘सोपान’ के नाम से चर्चित रहा है। खुद बिग बी ने भी कई बार अपने ब्लॉग में ‘सोपान’ का जिक्र किया है, जो उनकी मां तेजी बच्चन के नाम पर रजिस्टर्ड था। अभी अमिताभ बच्चन का परिवार मुंबई में रहता है और दशकों से दिल्ली वाला उनके माता-पिता का दो मंजिला घर ‘सोपान’ खाली पड़ा हुआ था। स्थानीय लोगों के मुताबिक 1980 तक बच्चन परिवार इस घर में कविता पाठ आयोजित किया करता था। यह तब की बात है, जब हरिवंश राय बच्चन स्वस्थ थे और ज्यादातर इसी बंगले में रहा करते थे।
साउथ दिल्ली और लुटियंस दिल्ली में लग्जरी रियल एस्टेट का कारोबार करने वाले प्रदीप प्रजापति ने कहा है, ‘तेजी बच्चन जो कि एक फ्रीलांस जर्नलिस्ट थीं, वह गुलमोहर पार्क हाउसिंग सोसाइटी की सदस्य बनी थीं। मुंबई जाने से पहले अमिताभ भी यहीं रहते थे और बाद में उनके माता-पिता भी चले गए। वर्षों से इस घर में कोई नहीं रह रहा था। लेनदेन मार्केट रेट के हिसाब से हुआ है।’