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वाराणसी

अपहरण के बाद युवक की हत्या, परिजनों ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप

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हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को लगाई फटकार, डीजीपी से मांगा व्यक्तिगत हलफनामा

वाराणसी में 21 वर्षीय युवक शशांक की हत्या के विरोध में शुक्रवार को परिजनों ने सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। 80 दिन पहले हुए अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही को लेकर आक्रोशित परिजनों ने शिवपुर थाना क्षेत्र में चक्काजाम किया और जमकर नारेबाजी की।

मामले में पुलिस की निष्क्रियता और आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए लोगों ने लीपापोती करने पहुंचे अधिकारियों पर नाराजगी जताई। परिजनों ने सभी दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बताया गया कि पैसे के लेन-देन को लेकर शशांक की हत्या की गई थी। पुलिस एक आरोपी की गिरफ्तारी का दावा कर रही है, जबकि बाकी आरोपी अब भी फरार हैं। हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद पुलिस हरकत में आई और अब शव के अवशेषों की बरामदगी की जा रही है।

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शशांक के भाई नितेश ने 3 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता को देखते हुए उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। पहली सुनवाई 4 जून को हुई जिसमें कोर्ट ने वाराणसी पुलिस कमिश्नर को 7 जून तक जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया।

12 जून को जब फिर सुनवाई हुई तो पुलिस की तरफ से कोई प्रगति रिपोर्ट पेश नहीं की गई, जिससे नाराज कोर्ट ने डीजीपी राजीव कृष्णा को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया दिया था और अगली सुनवाई 9 जुलाई को तय की थी।

हाईकोर्ट की टिप्पणी ने पूरे पुलिस तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए थे जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अपहरण के मामलों में देरी से कार्रवाई के कारण अगर हत्या हो जाती है तो संबंधित पुलिस अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

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