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अदालत ने पुलिस का दावा किया खारिज, दरोगा सहित तीन पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

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देवरिया। जिले के बनकटा थाना क्षेत्र में आरोपी के साथ हुई कथित मुठभेड़ को लेकर पुलिस की कहानी अदालत में टिक नहीं पाई। न्यायालय ने पूरे प्रकरण को संदिग्ध मानते हुए पुलिस के दावों को मनगढ़ंत करार दिया है।

पुलिस द्वारा आरोपी पर लगाए गए लूट, हमला और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोपों को अदालत ने आधारहीन बताया। न्यायालय ने यह भी माना कि पुलिसकर्मियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत धाराएँ लगाईं। आरोपी के पैर में गोली लगने का पुलिस का दावा भी अदालत की निगाह में संदिग्ध और अविश्वसनीय पाया गया।

अदालत ने दारोगा सहित तीन पुलिसकर्मियों पर धारा 261 बीपीएनएस में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इनमें उपनिरीक्षक सुषांत पाठक, हेड कांस्टेबल राजेश कुमार और कांस्टेबल सज्जन चौहान शामिल हैं।

देवरिया के पुलिस अधीक्षक को मामले की पूरी निष्पक्ष जांच करने और घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों की भूमिका की पड़ताल करने का निर्देश दिया गया है।

घटना 12 नवंबर 2025 की है। पुलिस ने आरोपी को पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पकड़ा था। पुलिस का दावा था कि इलाज के लिए ले जाते समय आरोपी ने पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके दौरान उसके पैर में गोली लगी। अदालत ने इस पूरी कहानी को अविश्वसनीय मानते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

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