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“अच्छा होता कि मैं भी मर जाता” : मसूद अजहर

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अड्डे “मरकज सुब्हान अल्लाह” पर एक सटीक और घातक हमला कर बड़ा ऑपरेशन अंजाम दिया है। इस हमले में जैश प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य, जिनमें उसकी पत्नी, बेटा, बड़ी बहन और बहनोई शामिल हैं सभी मारे गए हैं। साथ ही उसके चार सबसे करीबी सहयोगियों के भी मारे जाने की पुष्टि हुई है।
टीवी और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले में मौलाना काशिफ और उसका पूरा परिवार, मौलाना अब्दुल रऊफ की बड़ी बेटी, पोते और चार मासूम बच्चों की भी मौत हो गई। ऑपरेशन के बाद गहरे सदमे में पहुंचे मसूद अजहर ने बयान जारी कर कहा है, “अच्छा होता कि मैं भी मर जाता।”
सूत्रों के अनुसार, जब भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, तब सभी लोग मरकज परिसर में मौजूद थे। यह वही अड्डा है जिसे पुलवामा जैसे हमलों की साजिशों की प्लानिंग का केंद्र माना जाता रहा है। एक निजी चैनल के रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने बहावलपुर में सुभान अल्लाह केंद्र को सटीकता से निशाना बनाया, जहां चार मिसाइलें दागी गईं। हमले में स्थित मस्जिद पूरी तरह ध्वस्त हो गई।
बहावलपुर स्थित यह मुख्यालय जैश-ए-मोहम्मद का केंद्रीय अड्डा था, जिसमें मदरसा अल-सबीर और जामिया मस्जिद अल-सुभान शामिल थे। पत्रकार अहमद एजाज के मुताबिक, यह परिसर एन-5 हाईवे पर अहमदपुर शर्किया रोड के पास स्थित था। यह इलाके के ग्रामीण क्षेत्र से आधा किलोमीटर दूर था, सामने जंगल और पीछे खेत फैले थे।
स्थानीय सूत्रों और पूर्व शिक्षकों के अनुसार, यह मदरसा करीब 20 से 25 एकड़ में फैला हुआ था और हमले से कुछ दिन पहले ही छात्रों और शिक्षकों को वहां से हटा लिया गया था।
स्थानीय पत्रकार राजा शफकत महमूद ने बताया कि रात में जैसे ही पहला धमाका हुआ, लोगों की भीड़ घटनास्थल की ओर बढ़ी, तभी दूसरा जोरदार धमाका हुआ। धमाकों की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो किलोमीटर दूर स्थित घरों की खिड़कियां तक टूट गईं।