वाराणसी
अग्निवीर भर्ती में फर्जीवाड़ा: रिश्तेदारों की शिकायत पर कई मामले उजागर

वाराणसी। पूर्वांचल के कई जिलों में अग्निवीर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाने के मामले सामने आये हैं। हैरानी की बात यह है कि इनकी जानकारी खुद अभ्यर्थियों के पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने सेना के उच्च अधिकारियों तक फोन और डाक के माध्यम से पहुंचाई। अब इन शिकायतों का संकलन कर जांच की तैयारी शुरू हो गई है और दोषी पाए जाने पर अभ्यर्थियों के साथ संबंधित विभागीय अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
कैसे हुआ मामला उजागर?
सेना भर्ती कार्यालय, वाराणसी के नाम पर लगातार शिकायतें पहुंची जिनमें अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी चरित्र प्रमाणपत्र और मार्कशीट जमा करने के आरोप दर्ज किए गए। कुछ मामलों में अभ्यर्थियों पर पहले से मुकदमे लंबित होने के बावजूद चरित्र प्रमाणपत्र जारी किए जाने की बात सामने आई। इन शिकायतों ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और दस्तावेज़ सत्यापन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गोरखपुर निवासी एक अभ्यर्थी शुभम पर छह महीना पहले दर्ज मुकदमे के बावजूद कथित तौर पर पहचान वालों की मदद से चरित्र प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप लगा। यह सूचना उसके ही मित्र ने भर्ती कार्यालय को दी।
गाजीपुर निवासी रोहन के संबंध में आरोप है कि हाईस्कूल में असफल होने के बाद उसने कथित रूप से पैसा देकर नकली मार्कशीट बनवाई। यह जानकारी उसके चचेरे भाई ने सीधे सेना अधिकारियों को दी। दोनों मामलों में दस्तावेज़ों की जांच प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
सेना भर्ती कार्यालय वाराणसी के निदेशक कर्नल शैलेश कुमार ने स्पष्ट किया कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे भर्ती होने की कोशिश पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सामने आई है। जिन अभ्यर्थियों के पास नकली दस्तावेज पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और संबंधित विभागों से भी स्पष्टीकरण लिया जाएगा।
सेना भर्ती कार्यालय वाराणसी के तहत मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र, चंदौली, आजमगढ़, देवरिया और गोरखपुर जिलों के लिए अग्निवीर भर्ती रैली 7 नवंबर से 25 नवंबर तक प्रस्तावित है। अभ्यर्थियों को सलाह है कि वे समय से दस्तावेजों का सत्यापन करवा लें और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि से दूर रहें, क्योंकि जांच में दोषी पाए जाने पर सीधी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
अभ्यर्थियों को केवल मान्य और सत्यापित दस्तावेज़ ही प्रस्तुत करने चाहिए। चरित्र प्रमाणपत्र, शैक्षिक प्रमाणपत्र और अन्य योग्यता संबंधी कागज़ात मूल और वैध होने चाहिए। किसी भी प्रकार की गलतबयानी या जालसाजी न केवल चयन पर रोक लगा सकती है, बल्कि आपराधिक प्रकरण भी बन सकती है। भर्ती प्रक्रिया की साख और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सभी पक्षों का सहयोग आवश्यक है।