वाराणसी
अगस्त क्रांति के वीर सपूतों को दी गई श्रद्धांजलि
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
नन्हे-मुन्ने बच्चों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को किया याद
वाराणसी अंग्रेजों भारत छोड़ो यह देश हमारा है की जय हो उसके साथ 9 अगस्त 1942 को अगस्त क्रांति का बिगुल फूकने वाले देश के वीर सपूतों की याद में आज बुधवार को वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की जन्मस्थली पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन कर देश के वीर सपूतों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया नंदलाल बाजोरिया शिक्षा निकेतन की दर्जनों नन्हे-मुन्ने बच्चों के गगनभेदी देशभक्ति नारे अगस्त क्रांति के शहीद अमर रहे अगस्त क्रांति के शहीद अमर रहे अमर रहे महारानी लक्ष्मीबाई अमर रहे अमर रहे चंद्रशेखर आजाद अमर रहे अमर रहे के गगन भेदी जय घोष के बीच अगस्त क्रांति के बीच सपूतों को याद किया गया। जागृति फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लोक भूषण सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जयप्रकाश मिश्र, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी शलिनी यादव, विशिष्ट अतिथि एमएमआईटी के डायरेक्टर इंजीनियर अजय द्विवेदी, विशिष्ट अतिथि महामना मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य संजय प्रियदर्शी, शिव बारात समिति के अध्यक्ष दिलीप सिंह, नवीन सेवा समिति के नवीन बाजपेई, पहलवान मनोज यादव एवं नंदलाल बाजोरिया शिक्षा निकेतन की प्रधानाचार्य पूजा कश्यप ने संयुक्त रूप से शहीदों की स्मृति में दीप प्रज्वलन करके किया । इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने कहा कि आज वीरांगना की जन्मस्थली पर उपस्थित होकर अगस्त क्रांति के वीर सपूतों को याद कर बहुत ही गर्व की अनुभूति हो रही है। अगस्त क्रांति के वीर सपूतों ने आजादी की जो लौ जाली उसी का परिणाम था कि अंग्रेज भारत छोड़ने के लिए मजबूर हुए और हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली। साहित्यकार डॉक्टर जयप्रकाश मिश्रा ने कहा कि आज आज की पीढ़ी में हमें देश प्रेम के प्रति फिर से एक लौ जलाना होगा जिससे हमारा यह भारत अखंड भारत का स्वरूप ले सके। शालिनी यादव ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान देकर देश को आजादी दिलाई आज जरूरत है कि हम पूरे देश को एक सूत्र में पिरोकर रखें और देश का चाैहुमुखी विकास करें। इंजीनियर अजय द्विवेदी ने कहा कि हमें देश के नन्हे मुन्ने बच्चों के अंदर देश देश प्रेम की भावना जगानी होगी तभी वह देश के प्रति संवेदनशील बनेंगे। संजय प्रियदर्शी ने कहा कि देश की आजादी सही मायने में सार्थक तभी होगी जब हम जात-पात अमीर गरीब से ऊपर उठकर देश का चौमुखी विकास करने के लिए प्रेरित होंगे गोपाल मिश्रा ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने देश को पूरे विश्व में सबसे सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हो और देश को एक नई ऊंचाई प्रदान करें। नंदलाल बाजोरिया शिक्षा निकेतन की प्रिंसिपल पूजा कश्यप ने कहा कि हमें अपने बच्चों के अंदर देश प्रेम का संस्कार भरना होगा उनके अंदर जब देश प्रेम की भावना होगी तब वह समाज में फैली उच्च नीच की दीवार को तोड़कर देश को एकता की सूत्र में बांधे रखेंगे। इस अवसर पर पहलवान मनोज यादव ने कहा कि आज वीरांगना के इस धरती पर उपस्थित होकर अगस्त क्रांति के शहीदों को याद करना अपने आप में एक गर्व की अनुभूति है और आज हमें यहां से एक संकल्प लेकर जाना होगा कि हम अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे । समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ स्तंभकार यशपाल कुमार ने कहा कि बहुत ही संघर्ष और बलिदान के बाद हमारा देश 15 अगस्त 1947 में आजाद हुआ लेकिन उससे पहले 9 अगस्त 1942 को देश में अगस्त क्रांति की एक लौ जली जो देखते ही देखते पूरे देश में फैल गई और उस लौ के प्रकाश को देखकर अंग्रेज डर गए और उनके पांव उखड़ गए और उनको मजबूर होकर भारत देश से भागना पड़ा। ऐसे अगस्त क्रांति के वीर सपूतों को शत शत नमन जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अपनी जान की परवाह न करके एक क्रांति का शंखनाद किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने कहा कि अगस्त क्रांति के शहीदों एवं महारानी वीरांगना लक्ष्मीबाई की स्मृति में अखंड दीप जल रहा है और यह दीप आजीवन चलता रहे ऐसा प्रयास सब के सहयोग से हो रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी बहुत ही कठिन संघर्ष के बाद मिली है इसको बचाए रखना सभी देशवासियों का कर्तव्य बनता है । धन्यवाद सत्यांशु जोशी ने किया। इस अवसर पर नर्मदा गौड़, सलोनी चौरसिया शाहिद नंदलाल बाजोरिया शिक्षा निकेतन के अध्यापक एवं अध्यापिका में उपस्थित थी।
