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गांव की चिट्ठी

वाराणसी में पीएम मोदी के गोद लिए गांव के लोगों ने मांगा पीएम से मिलने का समय तो नहीं मिला जवाब

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार 25 अक्टूबर को वाराणसी आगमन पर पीएम मोदी बतौर सांसद द्वितीय चरण में गोद लिए आदर्श ग्राम नागेपुर के बुनकरों की ओर से बनारस के बदहाल बुनकरों को राहत देने के लिए इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात के लिए बुनकर सांझा मंच ने समय मांगा था, लेकिन उन्हें इस पर अब तक कोई जवाब तक नहीं मिला है। बुनकरों के मामले में विभिन्न पार्टियां बुनकरों की बदहाली दूर करने की मांग करती रही हैं। कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी हाल ही में इसकी मांग की थी। विभिन्न राजनैतिक और सामाजिक संगठन लगातार इसकी मांग करते रहे हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि के बताया कि यहां के बदहाल बुनकर पीएम से बदहाली दूर करने संबंधी मांगों को पूरा किए जाने के लिए मांग पत्र देना चाहते थे। जिसमें बनारस के कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन के लिए विशेष पैकेज, बुनकरों को बुनकरी के उपकरणों पर सब्सिडी, सस्ते दर पर कच्चे माल, उत्पादन के बिक्री मूल्य दुगुना, निःशुल्क बिजली, बुनकरों के क़र्ज़ माफ़ी, बुनकरों को बिचौलियों से मुक्त व्यापार आदि मांगों का 15 सूत्रीय मांग पत्र देकर बनारस के बुनकरों की बदहाली दूर करने की मांग थी।

इस बाबत पिछले दिनों नागेपुर के बुनकरों ने बक़ायदा बैठक और बुनकर पंचायत कर 15 सूत्रीय प्रस्ताव पास करके प्रधानमंत्री से मिलने का निर्णय लिया था और प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय भेलुपुर एवं भाजपा काशी क्षेत्र कार्यालय रोहनिया में शुक्रवार को बुनकर साझा मंच नागेपुर के कार्यकर्ताओं ने कार्यालय प्रभारियों को 25 अक्टूबर को पास के गांव मेहदीगंज में प्रधानमंत्री के आगमन पर उनसे मिलने के बाबत पत्रक सौंपकर मिलने का समय मांगा था, लेकिन अब तक मुलाक़ात के बावत पत्र का जवाब तक नहीं आया है। बुनकरों का कहना था कि जब प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में उनके द्वारा गोद लिए आदर्श गांव के लोगों की अनदेखी की जा रही हैं, इनकी मांगों को लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है तो आप ख़ुद अंदाज़ा लगा सकते हैं बाक़ी जगहों का क्या हाल होगा?

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